Bajrang Punia To PM Modi: भारतीय पहलवान और ओलंपिक पद विजेता बजरंग पूनिया ने साक्षी मलिक की तरह एक बहुत बड़ा ऐलान कर दिया है। इससे एक दिन पहले साक्षी मलिक ने कुश्ती छोड़ने का ऐलान किया था। बजरंग पूनिया ने पीएम मोदी के नाम एक लंबा चौड़ा पत्र भी लिखा है जिसमें उन्होंने पद्मश्री पुरस्कार लौटाने का कारण भी बताया है। दरअसल अभी हाल ही में भारतीय कुश्ती महासंघ का अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह को बनाया गया है। इसी साल की शुरुआत से ही भारतीय पहलवानों का एक तब का भारतीय कुश्ती महासंघ में बृजभूषण शरण सिंह की चल रही मनमानी बताना सही को लेकर विरोध किया था। बृजभूषण पर महिला पहलवानों का यौन शोषण करने का भी आरोप है। आज शुक्रवार को बजरंग पूनिया ने पद्मश्री पुरस्कार लौटने का ऐलान कर दिया है।
बजरंग पूनिया ने किया पद्मश्री लौटने का ऐलान
बजरंग पूनिया ने एलान करते हुए पीएम मोदी के नाम एक पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने कहा है कि,’आपको पता होगा कि इसी साल जनवरी महीने में देश की महिला पहलवानों ने कुश्ती संघ पर काबिज बृजभूषण सिंह पर सेक्सुअल हैरेसमेंट के गंभीर आरोप लगाए थे। जब उन महिला पहलवानों ने अपना आंदोलन शुरू किया तो मैं भी उसमें शामिल हो गया था। आंदोलन पहलवान जनवरी में अपने घर लौट गए जब उन्हें सरकार ने ठोस कार्रवाई की बात कही। लेकिन 3 महीने बीत जाने के बाद भी जब बृजभूषण पर फिर तक नहीं की तब हम पहलवान ने अप्रैल महीने में दोबारा सड़कों पर उतरकर आंदोलन किया ताकि दिल्ली पुलिस कम से कम बृजभूषण सिंह पर एफआईआर दर्ज करें लेकिन फिर भी बात नहीं बनी तो हमें कोर्ट में जाकर भाई आर दर्ज करवानी पड़ी जनवरी के शिकायतकर्ता महिला पहलवानों की गिनती 19 थी जो अप्रैल तक आते-आते साथ रह गई थी यानी इन तीन महीना में अपनी ताकत के दम पर राजभूषण सिंह ने 12 महिला पहलवानों को अपने न्याय की लड़ाई में पीछे हटा दिया था।
आगे बजरंग पूनिया ने लिखा,’आंदोलन 40 दिन चला। इन 40 दिनों में एक महिला पहलवान और पीछे हट गई। हम सब पर बहुत दबाव आ रहा था हमारे प्रदर्शन स्थल को तहस-नस कर दिया गया और हमें दिल्ली से बाहर खड़े दिया गया और हमारे प्रदर्शन करने पर रोक लगा दी। जब ऐसा हुआ तो हमें कुछ समझ नहीं आया कि हम क्या करें। इसीलिए हमने मेडल गंगा में बहने की सोची। जब हम वहां गए तो हमारे कोच साहिबान और किसानों ने हमें ऐसा नहीं करने दिया इस समय आपके एक जिम्मेदार मंत्री का फोन आया और हमें कहा गया कि हम वापस आ जाएं। हमारे साथ न्याय होगा। इसी बीच हमारे गृहमंत्री जी से भी हमारी मुलाकात हुई जिसमें उन्होंने हमें आश्वासन दिया कि वे महिला पहलवानों के लिए न्याय में उनके साथ देंगे और कुश्ती फेडरेशन से बृजभूषण , उसके परिवार और उनके गुर्गों को बाहर करेंगे। हमने उनकी बात मानकर सड़कों से अपना आंदोलन समाप्त कर दिया। क्योंकि कुश्ती संघ का हाल सरकार कर देगी और न्याय की लड़ाई न्याय में लड़ी जाएगी… महिला पहलवानों के यौन शोषण का आरोपी सरेआम दोबारा कुश्ती प्रबंधन करने वाली इकाई पर अपना दबदबा होने का दावा कर रहा था। इसी मानसिक दबाव में आकर ओलंपिक पदक विजेता एकमात्र महिला पहलवान साक्षी मलिक ने कुश्ती से संन्यास ले लिया। हम सभी की रात रोते हुए निकली समझ नहीं आ रहा था कि कहां जाएं ,क्या करें और कैसे जीएं ,कितना मान सम्मान दिया सरकार ने लोगों ने क्या इस सम्मान के बोझ तले दब कर घुटता रहूं।’
‘जब ये सामान मिला तो बहुत खुश हुआ’
बजरंग पूनिया ने आगे पीएम मोदी को पत्र लिखते हुए कहा,’साल 2019 में मुझे पद्मश्री से नवाजा गया खेल रत्न और अर्जुन अवार्ड से भी सम्मानित किया गया। जब यह सम्मान मिले तो मैं बहुत खुश हुआ। लगता कि जीवन सफल हो गया लेकिन आज उससे कहीं ज्यादा दुखी हूं और यह सम्मान मुझे कचोट रहे हैं…। जिन व्यक्तियों को बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की ब्रांड एंबेसडर बनना था उनको इस साल में पहुंचा दिया गया कि उनको अपने खेल से ही पीछे हटना पड़ा। हम सम्मानित पहलवान कुछ नहीं कर सके महिला पहलवान को अपमानित किए जाने के बाद में सम्मानित बनाकर अपनी जिंदगी नहीं जी पाऊंगा। ऐसी जिंदगी कचोटेगी जिंदगी भर मुझे इसीलिए ये सम्मान मैं आपको लौटा रहा हूं।’
क्या बोल खेल मंत्रालय
बजरंग पूनिया के इस फैसले पर खेल मंत्रालय ने कहा,”यह उनका निजी फैसला है। हम अभी कोशिश करेंगे कि बजरंग पुनिया पद्मश्री लौटाने के फैसले को बदल दें।”
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