राजनीति की वजह से बर्बाद हो गया इन भारतीय खिलाड़ियों का करियर नहीं तो आज होते बड़े नाम

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के पास विश्व क्रिकेट में सबसे ज्यादा पैसा है. पैसा है तो फिर तो राजनीति होना जाहिर सी बात है. बीसीसीआई में आंतरिक राजनीति खूब होती है, लेकिन समस्या यह है कि बीसीसीआई के राजनीति के वजह से भारत के कई प्लेयर्स का कैरियर बर्बाद हो जाता है. आज के इस लेख में हम ऐसे ही खिलाड़ियों की बात करने वाले हैं.

जयंत यादव

जयंत यादव भारत के हरफनमौला खिलाड़ी है. वह आईपीएल में मुंबई इंडियंस के हिस्सा रहे चुके हैं. जयंत यादव का डेब्यू साल 2016 में इंग्लैंड के विरूद्ध हुआ था.

जयंत यादव ने अपने छोटे से करियर में 4 टेस्ट मैचों में 45.60 की औसत से 228 रन बनाने के साथ ही 11 विकेट भी हासिल किए थे. लेकिन टीम में जेडजा और अश्विन के वजह से जयंत यादव को टीम से ऐसा बाहर किया गया कि वह फिर टीम में जगह नही बना पाए.

अमित मिश्रा

अमित मिश्रा भारत के वन ऑफ द बेस्ट लेग स्पिनर हैं. वह आईपीएल में सबसे ज्यादा विकेट लेकर चुके हैं. अमित मिश्रा को कुछ लोग भारत का शेन वार्न कहते हैं.

अमित मिश्रा को जितना मौका मिला है, उसमे उन्होंने अपने आप को हर तरह से साबित कर था, लेकिन बीसीसीआई ने अश्विन के खिलाने के लिए अमित मिश्रा के कैरियर को बर्बाद कर दिया.

वरुण आरोन

वरूण आरोन अपने समय के सबसे तेज गेंदबाज में से एक थे. वरूण आरोन के गेंदबाजी पर विराट कोहली बहुत विश्वास करते थे. उनकी कप्तानी में वरूण को 9 टेस्ट खेलने का मौका भी मिला, जिसमें उन्होंने 18 विकेट लिया था.

धीरे-धीरे बीसीसीआई के अंतारिक राजनीति के वजह से उनको टीम से ऐसा बाहर किया गया कि वह फिर कभी इंटरनेशनल मैच नही खेल पाए.

अंबाती रायुडू

अंबाती रायुडू साल 2018-19 में रेड-हाॅट फाॅर्म में थे. उनके प्रदर्शन से खूश होकर बीसीसीआई ने उनको रिजर्व प्लेयर्स की लिस्ट में रखा. फिर जब चोट के वजह शिखर धवन विश्व कप से बाहर हो गए तो उनके जगह पर अंबाती रायुडू को नही बुलाकर विजय शंकर को बुलाया गया और उसके बाद लगातार टीम से अनदेखा किया गया. इस तरह से बीसीसीआई ने अंबाती रायुडू के कैरियर को बर्बाद कर दिया.

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