'मेरे लिए गिल के 750 रन मायने नहीं रखते हैं' कोच गौतम गंभीर ने आखिर ऐसा क्यों बोला?

 


भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच गौतम गंभीर ने शुभमन गिल के साथ अपनी पहली बातचीत को याद करते हुए कई खुलासे किए हैं। गिल को इंग्लैंड में 2025 एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी से पहले भारत का टेस्ट कप्तान नियुक्त किया गया था और उनकी कप्तानी में भारत ने पांच मैचों की सीरीज में 2-2 से शानदार ड्रॉ खेला था। इस सीरीज के बाद गिल की कप्तानी और उनकी बल्लेबाजी की काफी तारीफ हुई।

गंभीर ने खुलासा किया कि उन्होंने शुरुआत में ही गिल से कहा था कि उनका टेस्ट कप्तानी करियर किसी भी दिशा में जा सकता है। गिल को जसप्रीत बुमराह और केएल राहुल जैसे अनुभवी खिलाड़ियों की जगह कप्तानी सौंपी गई, जिन्होंने अतीत में कभी-कभार टीम का नेतृत्व किया था। गिल के साथ बातचीत को याद करते हुए गंभीर ने कहा कि उन्होंने गिल को पहले ही बता दिया था कि यहां से उनका करियर दो ही दिशाओं में जा सकता है।

गंभीर ने जियो हॉटस्टार पर कहा, "मुझे पूरी बातचीत याद है। मैंने उनसे एक बात साफ़ तौर पर कही थी, कि हमने तुम्हें गहरे समुद्र में फेंक दिया है और यहां से सिर्फ़ दो ही नतीजे निकलेंगे या तो तुम डूब जाओगे या विश्वस्तरीय बन जाओगे। मेरे लिए, इंग्लैंड में उनके द्वारा बनाए गए लगभग 750 (754) रन ज़्यादा मायने नहीं रखते। अगर उन्होंने उस दौरे में ये रन नहीं बनाए होते, तो अगले दौरे में ज़रूर बनाते, यही उनकी काबिलियत है।"

आगे बोलते हुए गंभीर ने कहा, "मेरे लिए मायने ये रखता था कि एक 25 साल का लड़का, एक युवा टीम के साथ, खुद को और अपनी कप्तानी को कैसे संभालता है और एक बेहतरीन इंग्लैंड टीम के खिलाफ दबाव को कैसे झेलता है। क्योंकि मुझे नहीं लगता कि उनके कप्तानी करियर में इससे ज़्यादा मुश्किल कोई परीक्षा होगी, चाहे वो 10 साल, 15 साल या 2 साल कप्तानी करें। मुझे नहीं लगता कि भारत में किसी भी कप्तान को 2 महीने के अंतराल में ऐसी चुनौती का सामना करना पड़ा होगा, ये देखते हुए कि इंग्लैंड की बल्लेबाज़ी कितनी भयावह थी और हमारी टीम कितनी अनुभवहीन थी।"

गंभीर ने अपनी बात खत्म करते हुए कहा, "उन्होंने अपनी सबसे कठिन परीक्षा पास कर ली है और ओवल में जीत के बाद मैंने उनसे कहा था कि उन्होंने बदलाव के इस दौर की अपनी सबसे कठिन परीक्षा पास कर ली है और अब से चीज़ें बहुत आसान हो जाएंगी। मुझे उम्मीद है कि उनके लिए ये आसान हो जाएंगी क्योंकि वो इसके हर पहलू के हक़दार हैं। उन्हें जितनी आलोचना मिली है, लोगों ने उनके बारे में जिस तरह की बातें कही हैं, वो अनुचित है। आप एक 25 साल के लड़के से ये उम्मीद नहीं कर सकते कि उसका औसत 50 का हो और वो हर जगह हर समय रन बनाए। ये समय के साथ ही संभव होगा। उनमें जिस तरह की क्षमता है, मुझे ये देखकर बिल्कुल भी आश्चर्य नहीं हुआ कि उन्होंने इंग्लैंड में 750 रन बनाए।"

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