36 की उम्र में भी विराट कोहली क्यों हैं फिट? जानें उनकी डाइट, ड्रिंक और फिटनेस सीक्रेट्स

 


Virat Kohli: टीम इंडिया के बल्लेबाज विराट कोहली 36 के हो चुके हैं. इसके बावजूद उनकी फिटनेस किसी नए नवेले खिलाड़ी से कम नहीं है. मैदान पर किंग कोहली चीते जैसी फुर्ती के साथ क्रिकेट खेलते हुए दिखाई देते हैं. चार साल बाद ही वह चालीस की दहलीज पर पहुंचने वाले हैं. इसके बावजूद विराट (Virat Kohli) पर बुढ़ापा दूर-दूर तक नहीं नज़र नहीं आता है.

अब ऐसे में आप के मन में ये ख्याल जरूर आएगा आखिर किंग कोहली (Virat Kohli) की फिटनेस का राज़ क्या है? ऐसा वह क्या खाते हैं और पीते हैं, जो अभी तक जवान लौडों की तरह भाग-दौड़ करते हैं? तो चलिए आज हम आप के इन्हीं सवालों का जवाब देते हैं…….

क्या खाते हैं विराट कोहली?

विराट कोहली (Virat Kohli) शाकाहारी और ग्लूटेन फ्री डाइट लेते हैं. जिसमें वह दाल, फलियां, फल और उबली हुआ सब्जी खाते हैं. हालांकि पहले कोहली मांसाहारी थे लेकिन कुछ समय पहले पूरी तरह से शाकाहारी बन गए. कोहली फिट रहने के लिए भरपूर मात्रा में प्रोटीन, फाइबर और विटामिन लेते हैं, और वह स्वाद की बजाय पोषक तत्वों को प्राथमिकता देते हैं. 

कौन सा पानी पीते हैं विराट कोहली?

जानकारी के मुताबिक, विराट कोहली (Virat Kohli) साधारण पानी नहीं बल्कि “ब्लैक वाटर” पीते हैं. जिसकी कीमत ₹3000 से ₹4000 प्रति लीटर तक है. हाई पीएच वाला ये पानी शरीर को हाइड्रेटेट रखने में मदद करता है. “ब्लैक वाटर” में सामान्य पानी की तुलना में प्राकृतिक मिनरल्स ज्यादा होता हैं. जैसे कैल्शियम और मैग्नीशियम. 

विराट कोहली का वर्कआउट

विराट कोहली (Virat Kohli) की वर्कआउट रूटीन बेहद कंप्लीट है, जिसमें कार्डियो से लेकर हाई इंटेंसिटी ट्रेनिंग तक शामिल है। अपने डेली सेशन में कोहली साइकिलिंग, वेट ट्रेनिंग, डेडलिफ्ट्स और स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करते हैं। इसके अलावा वे बर्पीज़, पुश-अप्स और बॉडी वेट स्क्वैट्स भी नियमित रूप से करते हैं। जिम में कड़ी मेहनत के साथ-साथ मैदान पर भी विराट खूब पसीना बहाते हैं, जो उन्हें हमेशा फिट और परफॉर्म करने के लिए तैयार रखता है।

शाकाहारी होने के फायदे

1.हृदय स्वास्थ्य में सुधार

शाकाहारी भोजन में संतृप्त वसा कम होती है, जिससे कोलेस्ट्रॉल लेवल नियंत्रित रहता है और हार्ट अटैक या स्ट्रोक का रिस्क घटता है।

2.वज़न नियंत्रण में मदद

फल, सब्ज़ियां और दालें कैलोरी में कम और फाइबर में अधिक होती हैं, जिससे वजन कंट्रोल में मदद मिलती है।

3.पाचन तंत्र मजबूत

फाइबर से भरपूर शाकाहारी डाइट कब्ज़ की समस्या को कम करती है और पाचन स्वास्थ्य को बेहतर बनाती है।

4.डायबिटीज़ का जोखिम कम

शाकाहारी भोजन में ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जिससे ब्लड शुगर लेवल नियंत्रित रहता है।

5.कैंसर और अन्य बीमारियों से बचाव

फल और सब्ज़ियों में एंटीऑक्सीडेंट्स अधिक होते हैं, जो कैंसर और उम्र से जुड़े अन्य रोगों का जोखिम घटाते हैं।

6.ऊर्जा और इम्यूनिटी में सुधार

विटामिन्स, मिनरल्स और फाइबर से भरपूर शाकाहारी डाइट शरीर को ऊर्जा देती है और इम्यून सिस्टम मजबूत बनाती है।

7.पर्यावरण और पशु कल्याण में योगदान

शाकाहारी भोजन अपनाने से ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन कम होता है और पशुओं के प्रति करुणा का संदेश जाता है।

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