"IPL का पैसा कहां से आता है? टीम मालिक कैसे करते है अरबों की कमाई?, जानें पूरा बिजनेस मॉडल!"

IPL का बिजनेस मॉडल और बीसीसीआई की कमाई

आईपीएल: दुनिया की सबसे बड़ी क्रिकेट लीग

इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) सिर्फ एक क्रिकेट टूर्नामेंट नहीं है, बल्कि करोड़ों रुपये का कारोबार भी है। खिलाड़ी जहां मैदान पर अपनी क्षमता दिखाते हैं, वहीं BCCI और फ्रेंचाइजियां मैदान के बाहर करोड़ों की कमाई करती हैं। आइए जानते हैं आईपीएल के बिजनेस मॉडल को विस्तार से।

BCCI और टीमों की कमाई के मुख्य स्रोत

  1. मीडिया और डिजिटल राइट्स:
    2023-2027 के मीडिया और डिजिटल राइट्स को बीसीसीआई ने ₹48,390 करोड़ में बेचा है। आधी रकम BCCI के पास जाती है और आधी फ्रेंचाइजियों में बांट दी जाती है।

  2. टाइटल स्पॉन्सरशिप:
    आईपीएल 2025 का टाइटल स्पॉन्सर 'टाटा' है, जिसने ₹2,500 करोड़ का कॉन्ट्रैक्ट साइन किया है। इस रकम का भी आधा-आधा बंटवारा होता है।

  3. किट स्पॉन्सरशिप और विज्ञापन:
    मैच के दौरान 10 सेकंड के ब्रेक के लिए लगभग ₹15 लाख लिए जाते हैं। खिलाड़ियों की जर्सी और अंपायर की जर्सी पर प्रायोजकों के लोगो से भी फ्रेंचाइजियां और बोर्ड मोटी कमाई करते हैं।

  4. टिकट बिक्री:
    घरेलू फ्रेंचाइजियों को मैच टिकट की बिक्री से लगभग 80% तक की कमाई होती है, जो उनकी आय का महत्वपूर्ण हिस्सा है।

IPL: एक लीग, कई कमाई के रास्ते
आईपीएल सिर्फ खिलाड़ियों और फैंस का उत्सव नहीं है, बल्कि बिजनेस वर्ल्ड का भी एक अहम हिस्सा है। BCCI और फ्रेंचाइजियां कमाई के इन रास्तों से आईपीएल को और बड़ा बनाने का प्रयास करती रहती हैं।

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