आंख की रौशनी गायब थी फिर भी मैं छक्के चौके लगाता रहा - एबी डीविलियर्स


दक्षिण अफ्रीका के पूर्व कप्तान एबी डीविलियर्स जल्दी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहने के पीछे चौंकाने वाला खुलासा किया है। एबी डीविलियर्स ने कहा है कि उनके अंतरराष्ट्रीय करियर के अंतिम वर्षों में आंख की रौशनी कम होने लगी थी। उन्होंने अपने करियर का अंतिम वर्ष एक अलग रेटिना के साथ खेले थे। हालांकि 2018 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने के बावजूद भी मिस्टर 360 डिग्री अफ्रीकी दिग्गज इंडियन प्रीमियर लीग में अपने खेल को जारी रखा था, लेकिन पर्दे के पीछे डीविलियर्स गंभीर चुनौतियों से गुजर रहे थे। एबी डीविलियर्स की आंखों की रौशनी कैसे इतनी जल्दी कमजोर होने लगी थी, उसके बारे में भी उन्होंने जिक्र करते हुए कहा है कि

मेरे युवा खिलाड़ी साथी ने अपने पैर से मेरी आंख पर जोर से ठोकर मार दिया था। जिससे मेरी दाहिनी आंख की रौशनी खोने लगी थी। जब मैंने आंख की सर्जरी करवाई तो डॉक्टर ने मुझसे पूछा कि तुम कैसे क्रिकेट खेल रहे हो।

हालांकि एबी डीविलियर्स ने उस खिलाड़ी के नाम का जिक्र नहीं किया जिसने उनकी आंख को चोट पहुंचाई थी। विजडेन क्रिकेट मंथली से बात बात करते हुए एबी डीविलियर्स ने कहा कि सौभाग्य से मेरी बाई आंख ने मेरे करियर के आखिरी दो वर्षों में अच्छा काम किया।

गौरततलब है कि एबी डीविलियर्स अपनी दाहिनी आंख की रौशनी कमजोर होने के बावजूद भी दो वर्षों तक मैदान में नज़र आते रहें।

डीविलियर्स ने आगे बताया कि मैं अक्सर सोचता हूं कि क्या यह मेरे करियर का अंत हो सकता है। मैं 2018 में क्रिकेट से बिल्कुल दूर हो गया था। मैं वास्तव में आईपीएल या कोई भी दूसरी लीग नहीं खेलना चाहता था। मैं नहीं चाहता था कि मुझ पर कोई स्पॉटलाइट आए। मैं बस इतना कहना चाहता हूं कि मैंने बहुत अच्छा समय बिताया है।

दिग्गज डीविलियर्स का अंतरराष्ट्रीय करियर कैसा रहा

डीविलियर्स ने अपने आप को क्रिकेट जगत के शीर्ष बल्लेबाजों में स्थापित किया था। उन्होंने 114 टेस्ट मैचों में 8765 रन बनाए और उच्चतम स्कोर 278 रन रहा। वहीं 228 एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मेचों में 9577 बनाए।

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