दाएं हाथ के बल्लेबाज को 2011 वर्ल्ड कप के लिए चुने गए भारतीय स्क्वाड में जगह नहीं मिली थी। सुरेश रैना और युसूफ पठान जैसे खिलाड़ियों से हिटमैन मात खा गए थे और उन्हें अपने न चुने जाने का काफी दुख भी हुआ था।
बुधवार को अफगानिस्तान के खिलाफ रोहित शर्मा ने अपने वनडे करियर का 31वां और वर्ल्ड कप का सातवां शतक जड़ा। अपने शतक से उन्होंने कई बड़े रिकॉर्ड तोड़े और अब वह वनडे वर्ल्ड कप में सबसे ज्यादा शतक लगाने वाले बल्लेबाज भी बन गए हैं। उनकी 84 गेंदों में 131 रनों की पारी की बदौलत भारत ने अफगानिस्तान के 273 रनों के लक्ष्य को आसानी से हासिल किया और सिर्फ 35 ओवर में हरा दिया।
वीरेंदर सहवाग ने बताया 2011 वर्ल्ड कप में रोहित शर्मा के न चुने जाने का कारण
भारत बनाम अफगानिस्तान मुकाबले के बाद, क्रिकबज के शो पर वीरेंदर सहवाग ने कहा,
अगर मैं कप्तान या चयनकर्ता होता तो मैं निश्चित रूप से रोहित को 2011 वर्ल्ड कप के लिए चुनता। लेकिन अभी के और उस समय वाले रोहित शर्मा में बहुत अंतर हैं। वह उतना अनुभवी नहीं थे और अंत में किसी खिलाड़ी को चुनना कप्तान और चयनकर्ता का फैसला होता है। आप वर्ल्ड कप के लिए केवल 15 खिलाड़ियों का चयन कर सकते हैं और उस समय, यूसुफ पठान ने टूर्नामेंट से ठीक पहले कुछ महत्वपूर्ण पारियां खेली थीं, जो शायद उनके पक्ष में काम कर गई और रोहित शर्मा को ड्रॉप करना पड़ा।
भले ही रोहित शर्मा 2011 वर्ल्ड कप का हिस्सा न बन पाए हों, लेकिन उन्होंने उस असफलता से प्रेरित होकर कई बड़ी उपलब्धियां हासिल की और मौजूदा वर्ल्ड कप में भारत का नेतृत्व भी कर रहे हैं। फैंस यही चाहेंगे कि रोहित शर्मा की अगुवाई वाली भारतीय टीम 2011 वाली टीम की तरह ही वर्ल्ड कप जीतने का कारनामा करे।
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