जाको राखे साइयां मार सके न कोय, इन क्रिकेटर्स पर फिट बैठती है ये कहावत, नंबर 5 सबका फेवरेट


हिंदी में एक प्रसिद्ध और ऐतिहासिक कथन है “जाको राखे साइयां मार सके न कोय” अर्थात जिसका अर्थ है कि जिस मनुष्य पर ईश्वर की कृपा होती है, कोई भी उसे नुकसान नहीं पहुँचा सकता है. उस इंसान को मारने वाला कोई हो ही नहीं सकता. आज के इस लेख में हम आपको 5 ऐसे क्रिकेटर्स के बारे में बताने जा रहे हैं जिन पर ये कहावत बिल्कुल फिट बैठती है. इन क्रिकेटर्स ने गंभीर बीमारी और हादसों को मात देकर दोबारा अपना जीवन शुरू किया. आइये जानें-

1- एंड्रयू फ्लिंटॉफ

2007 में इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेटर एंड्रयू फ्लिंटॉफ ने नशे में कैरेबियन सागर की सैर करने का प्रोग्राम बनाया. हालांकि इनकी नाव सागर में डूब गयी, लेकिन एंड्रयू फ्लिंटॉफ को दूसरी नाव की सहायता से बचा लिया गया.

2- जेसी राइडर

2013 में न्यूजीलैंड के जेसी राइडर एक हमले में बुरी तरह से घायल हो गये थे. इस दौरान जेसी राइडर कोमा में चले गये थे. डॉक्टर्स ने कड़ी मेहनत करते हुए जेसी राइडर को फिर से पहले जैसा फिट कर दिया था.

3- मैथ्यू वेड

ऑस्ट्रेलिया के खिलाड़ी मैथ्यू वेड 16 वर्ष की अवस्था में फुटबॉल खेलते हुए घायल हो गये थे. उपचार के दौरान पता चला की वेड को टेस्टीकुलर कैंसर है. वेड ने इस गंभीर बिमारी से लड़ाई लड़ी और 2011 में अपना पहला अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट मैच खेला.

4- वसीम अकरम

पाकिस्तान के पूर्व गेंदबाज वसीम अकरम पर कुछ बंदूकधारियों ने पहले कार में टक्कर मारी और फिर चार में अंधाधुंध गोलीबारी करनी शुरू कर दी थी. लेकिन “जाको राखे साइयां मार सके न कोय” वसीम अकरम इस हादसे में बच गये.

5- युवराज सिंह

2011 में युवराज सिंह को लंग का कैंसर हो गया था. युवराज सिंह ने हिम्मत दिखाते हुए कैंसर से जिंदगी की जंग जीतकर दोबारा मैदान में वापसी की.

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