भारतीय टीम के पूर्व कप्तान रह चुके सौरव गांगुली की गिनती देश के सफल कप्तानों में की जाती है। उनकी कप्तानी के दौरान कई सारी युवा खिलाड़ियों को टीम में जगह मिली। जिन्होंने अपने प्रदर्शन से ना सिर्फ खूब नाम कमाया बल्कि भारतीय टीम कि जीत में भी अहम योगदान दिया। लेकिन वहीं दूसरी तरफ कुछ खिलाड़ी ऐसे भी हैं, जिनका घरेलू प्रदर्शन अच्छा होने के बावजूद भी गांगुली ने उन्हें इंटरनेशनल लेवल पर मौका देना तक जरूरी नहीं समझा और हमेशा नजरअंदाज किया कौन है वह खिलाड़ी चलिए जानते हैं।
देवेंद्र बुंदेला
मध्यप्रदेश के पूर्व कप्तान देवेंद्र बुंदेला का घरेलू क्रिकेट में जबर्दस्त प्रदर्शन रहा है। लेकिन इसके बावजूद भी इस खिलाड़ी पर राहुल ने बिल्कुल ध्यान नहीं दिया बता दें कि बुंदेला द फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 164 मुकाबले खेलते हुए 261 पारियों में 43.68 की औसत के साथ 10004 रन बनाए हैं।
इस बीच उनके बल्ले से 26 शतक और 54 अर्धशतक भी निकले हैं। लिस्ट ए में ही नहीं बल्कि उन्होंने 82 मुकाबला खेलते हुए 77 पारियों में 41.05 की औसत के साथ 2299 रन बनाए हैं।
अमोल मजूमदार
मुंबई के पूर्व खिलाड़ी रह चुके अनमोल का घरेलू क्रिकेट काफी अच्छा रहा है। लेकिन इसके बावजूद भी उन्हें इंटरनेशनल लेवल पर खेलने का मौका नहीं मिला, उन्होंने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 171 मुकाबले खेलते हुए 260 पारियों में 48.13 की औसत के साथ 11167 रन बनाए हैं और इस दौरान उनके बल्ले से तीन शतक और सात अर्धशतक भी निकले हैं।
ऋषिकेश कानितकर
मध्य प्रदेश के बेहतरीन खिलाड़ी ऋषिकेश को भी गाली की कप्तानी में निराशा ही हाथ लगी है। बता दें कि मोहम्मद अजहरुद्दीन की अगुवाई वाली भारतीय टीम के लिए डेब्यू में कामयाब तो रहे। लेकिन इंटरनेशनल लेवल पर उन्हें ज्यादा लंबे समय तक खेलने का मौका नहीं मिला। अजहरुद्दीन के निकलते ही बाहुबली ने उन्हें टीम से बाहर का रास्ता दिखाया।
ऋषिकेश ने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 146 मैच खेलते हुए 222 पारियों में 52.26 की औसत के साथ 10400 रन बनाए हैं वही लिस्ट एक क्रिकेट में उनके नाम 3526 रन शामिल है।
रजत भाटिया
प्रथम श्रेणी क्रिकेट के आलराउंडर खिलाड़ी रजत भाटिया को भारतीय टीम में खेलने का मौका नहीं मिल पाया। बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों से टीम को योगदान देने वाले रजत भाटिया ने घरेलू स्तर पर बहुत शानदार प्रदर्शन किया था। जिसके बाद भाटिया ने आईपीएल चार टीमों के लिए भी क्रिकेट खेली थी।
रजत भाटिया ने दिल्ली, उत्तराखंड और तमिलनाडु के लिए फर्स्ट क्लास क्रिकेट खेलते हुए 112 मैच की 157 पारियां खेलीं, जिनमें उन्होंने 49.10 की औसत से 6482 रन बनाए। इन रनों में 30 अर्द्धशतक और 17 शतक शामिल रहे। सिर्फ इतना ही नहीं भाटिया ने गेंदबाजी में 27.97 की औसत से 137 विकेट भी चटकाए थे। इसके बाद भी इस खिलाड़ी को भारतीय टीम से खेलने का मौका नहीं मिला। जबकि Sourav Ganguly की कप्तानी में कोई भी अच्छा तेज गेंदबाजी आलराउंडर नहीं मौजूद था।
2. मिथुन मन्हास
दिल्ली के लिए घरेलू क्रिकेट खेलने वाले मिथुन मन्हास को भी कभी भारतीय टीम में खेलने का मौका नहीं मिल पाया। आपको बता दें कि मिथुन मन्हास ने दिल्ली रणजी टीम के लिए कप्तानी भी की थी। इस खिलाड़ी ने तीन टीमों के लिए आईपीएल भी खेला और वहां अच्छा प्रदर्शन भी किया था।
मिथुन ने दिल्ली की रणजी टीम के लिए प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 147 मैच में 244 पारियां खेलीं और 45.82 की औसत से 9714 रन बनाए। जिसमें 49 अर्द्धशतक और 27 शतक शामिल थे। आपको बता दें कि मन्हास बल्लेबाजी करने के साथ पार्टटाइम गेंदबाजी भी करते थे। जिसके तहत उन्होंने 46.65 की औसत से 40 विकेट चटकाए थे। मिथुन मन्हास अच्छे फील्डर भी थे। बावजूद इसके इस खिलाड़ी को Sourav Ganguly ने कभी अपनी कप्तानी में खेलने का मौका नहीं दिया।
आपको बता दें कि इन 5 खिलाड़ियो ने घरेलू क्रिकेट में कुल मिलाकर 50 हजार से ज्यादा रन और लगभग 200 विकेट लिए है। इतने शानदार प्रदर्शन के बाद भी इन्हें मौकें नही मिले।
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