एक ख्वाहिश के लिए दादा को जीते जी बना दिया स्वर्गवासी, मम्मी-पापा को कर रखा था परेशान, बड़ा शैतान है ये भारतीय खिलाड़ी


इस वक्त टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चार मैचों की टेस्ट सीरीज खेल रही है, जिस बीच टीम इंडिया के एक खिलाड़ी ईशान किशन (Ishan Kishan) को लेकर जोरो शोरों से चर्चा शुरू हो चुकी है. आपको बता दें कि टीम इंडिया के लिए कई मौके पर विकेटकीपिंग और ओपनिंग करने वाले ईशान किशन (Ishan Kishan) आज एक आक्रामक बल्लेबाज के रूप में अपनी पहचान बना चुके हैं.

उन्होंने बांग्लादेश दौरे पर वनडे में दोहरा शतक लगाया था और वह इस वक्त ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में भी टीम इंडिया का हिस्सा हैं, लेकिन आज हम आपको इस खिलाड़ी से जुड़ा एक ऐसा किस्सा बताएंगे, जिसके बारे में आपको खबर तक नहीं है.

बचपन में बेहद ही शैतान थे ईशान किशन

आज टीम इंडिया में चौके- छक्के लगाने वाले ईशान किशन (Ishan Kishan) ने बचपन में अपने पड़ोसियों के घर की खूब कांच तोड़ा है. यही वजह है कि उनकी शैतानी के चलते उनके माता-पिता हमेशा परेशान रहते थे और काफी कुछ शिकायतें सुनने को मिलती थी.

आपने ईशान किशन को हमेशा अपने कान में बाली पहनते हुए देखा होगा और उन्होंने छठी क्लास में ही अपना कान छिदवाया था और तभी से वह कान में इयरिंग पहन रहे हैं. इसके लिए उनके माता-पिता ने काफी मना किया पर वह जिद पर बैठ गए, जिसके कारण उनके माता-पिता को उनकी जीत के आगे झुकना पड़ा, लेकिन जब उनके स्कूल में इतनी कम उम्र में इयरिंग पहनके आने की परमिशन नहीं थी तब उन्होंने इसके लिए बेहद ही अजीबोगरीब तरकीब निकाली.

अपने दादा को बता दिया स्वर्गवासी

जब उन्हें पता चला कि उन्हें कान में बाली पहनने के बाद स्कूल में आने की परमिशन नहीं मिलेगी, तो अपनी इच्छा को पूरी करने के लिए उन्होंने अपने जीते जागते दादा जी को स्वर्गवासी बता दिया और उन्होंने एप्लीकेशन में ये लिखा था कि मेरे दादाजी की आखिरी इच्छा थी कि मैं इयरिंग पहनू.

इसके बाद कोई भी टीचर और स्टूडेंट उन्हें इसके लिए टोकता था तो वह इसे अपने दादाजी की आखिरी इच्छा बताते थे, जिसके बाद उनसे कोई सवाल नहीं पूछता था. पर आपको बता दें कि ईशान किशन (Ishan Kishan) के केवल दादाजी ही नहीं बल्कि उनके परदादा भी इस वक्त जीवित हैं.

मेहनत का मिला परिणाम

आपको बता दें कि काफी मुश्किलों के बाद ईशान किशन (Ishan Kishan) ने टीम इंडिया में इस वक्त यह मुकाम हासिल किया है. क्रिकेटर बनने के लिए उन्होंने बहुत संघर्ष किया और कम वक्त में ही उन्हें अपना घर छोड़ना पड़ा था.

बाहर कई मौके पर उन्हें भूखे पेट सोना पड़ा, लेकिन आखिरकार उनकी संघर्ष और मेहनत रंग लाई और उन्हें टीम इंडिया में आज वह मुकाम हासिल हुआ, जिसके लिए वह संघर्ष कर रहे थे.

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