माइंड गेम के किंग हैं धोनी, पहले आईपीएल 2008 ऑक्शन में सचिन-गांगुली-सहवाग को चारो खाने कर दिया था चित


इंडियन प्रीमियर लीग यानी आईपीएल पहले टी20 विश्व कप के अगले साल शुरू हुआ. पहले आईपीएल में आठ टीमें थी. नियम यह था कि हर टीम एक मार्की प्लेयर को चुन सकता है. इस नियम का पालन करते हुए आठ में से पांच टीमों ने अपने-अपने मार्की प्लेयर को चुन लिया.

इसमें क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली, राहुल द्रविड़, वीरेंद्र सहवाग और युवराज सिंह शामिल थे, लेकिन माही ने अपना नाम बिड में दिया और वह पहले सीजन के सबसे महंगे खिलाड़ी बनकर सामने आए.

कैसे माही बने सबसे महंगे खिलाड़ी

महेंद्र सिंह धोनी के मार्की प्लेयर ना बनने की खास वजह थी. भारत को विश्व कप जितान वाले कप्तान धोनी ने इसका खुलासा किया. धोनी ने बताया कि उनसे पूछा गया था कि क्या वे किसी टीम का मार्की प्लेयर बनना चाहेंगे.

उन्हें यह फैसला लेने के लिए ज्यादा वक्त नहीं मिला. उन्होंने कम समय में ही फैसला लिया कि मार्की प्लेयर नहीं बनना. बिड में उतरना है.

एमएस धोनी स्टार स्पोर्ट्स के एक शो में कहते हैं,

‘मेरे पास दो-तीन टीमों का मार्की प्लेयर बनने का मौका था. लेकिन मैंने तय कि प्लेयर्स बिड में उतरना ठीक रहेगा. मुझे उम्मीद थी कि बिड में उतरने से कम से कम 1 मिलियन (डॉलर) मिल सकते हैं.’

धोनी का यह दांव चल निकला और वे आईपीएल 2008 के सबसे महंगे खिलाड़ी बनने में कामयाब रहे.

1.5 मिलियन डाॅलर में बिके थे माही

महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) के लिए मुंबई इंडियंस और चेन्नई सुपर किंग्स के बीच टक्कर चल रहा था. जब ऑक्शन शुरू हुआ तो माही की बोली 400,000 अमेरिकी डॉलर के बेस प्राइस से शुरू हुई और 900,000 अमेरिकी डॉलर को पार कर गई. धोनी के लिए दो टीमें बोली लगा रही थी मुंबई इंडियंस और सीएसके.

अंत में धोनी को सीएसके ने 1.5 मिलियन डॉलर में खरीदा था. धोनी (MS Dhoni) उस ऑक्शन के सबसे मंहगे खिलाड़ी बन कर उभरे थे. धोनी को लेना चेन्नई सुपर किंग्स के लिए बहुत फायदे का सौदा रहा. धोनी ने अबतक चेन्नई को चार बार चैंपियन बनाया है.

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