पाकिस्तान के स्टार सलामी बल्लेबाज इमाम उल हक़ ने वनडे और टेस्ट फॉर्मेट में अपनी टीम के लिए लगातार अच्छा प्रदर्शन किया है। हाल ही में न्यूजीलैंड के खिलाफ उन्होंने पहले टेस्ट की दूसरी पारी में 96 रनों की महत्वपूर्ण पारी खेली, जिसके चलते यह टेस्ट मैच ड्रॉ की स्थिति में आया।
गौरतलब हो कि, इमाम उल हक़ पाकिस्तान के लिए 19 टेस्ट और 54 वनडे मैच खेल चुके हैं। उन्होंने 37 टेस्ट पारियों में 38.88 की औसत से 1312 रन बनाए हैं, जिसमें 3 शतक और 6 अर्धशतक शामिल है। हालांकि, पिछले कुछ टेस्ट मैचों से वह लगातार अच्छे फॉर्म में दिख रहे हैं। इसके अलावा, वनडे में उन्होंने 52.67 की औसत से 2528 रन बनाए हैं, जिसमें 9 शतक और 14 अर्धशतक शामिल है।
हालांकि, इमाम उल हक के लिए अपना अंतरराष्ट्रीय करियर शुरू करना आसान नहीं था, क्योंकि वह देश के दिग्गज पूर्व कप्तान इंजमाम उल हक के भतीजे थे और लोगों को उनसे काफी उम्मीदें थी। हालांकि, 27 वर्षीय स्टार सलामी बल्लेबाज ने इस दबाव के बारे में बात करते हुए बताया कि उन्होंने शुरुआती समय में इसे किस तरह से संभाला था।
इमाम ने यह भी स्वीकार किया कि कभी-कभी, उन्हें इंजमाम के पास जाने और पाकिस्तान के महान खिलाड़ी से तुलना किए जाने पर अपनी निराशा के बारे में बात करने का मन करता था। उन्होंने पाकिस्तान क्रिकेट के साथ किए गए एक इंटरव्यू में कहा, "सच बताऊँ तो दिल काफी दफा किया है कि चाचू को बोलूँ कि मेरी क्या गलती थी।"
उन्होंने आगे कहा, "लेकिन कुछ चीजें आपके जीवन में अवांछित (इंजमाम का भतीजा बनना) ही आती हैं। लोग कहते हैं कि मैंने इसे अच्छी तरह से हैंडल किया, लेकिन वास्तव में मैंने ऐसा नहीं किया। मैं सिर्फ फ्लो के साथ गया क्योंकि मेरे पास कोई दूसरा विकल्प नहीं था। मैं भी एक लंबी प्रक्रिया के बाद आया हूं। मैंने 2 U19 वर्ल्ड कप खेले, 45 फर्स्ट-क्लास मैच खेले और कायद-ए-आजम ट्रॉफी में 50 का औसत था, जब मुझे पहली बार टीम में चुना गया था।"
पाकिस्तान के सलामी बल्लेबाज ने इमाम ने अपने करियर के शुरुआती समय के दौरान लगातार समर्थन प्रदान करने के लिए टीम के कप्तान बाबर आजम को भी धन्यवाद दिया।
उन्होंने कहा, "शुरुआत में, मैं दबाव नहीं झेल सका और मैं झूठ नहीं बोलूंगा। मुझे नहीं पता था कि मुझे क्या करना चाहिए। और मैं यहां बाबर का जिक्र करना चाहूंगा। उन्होंने मुझे सपोर्ट करने में बहुत बड़ी भूमिका निभाई। हमने साथ में काफी क्रिकेट खेली। और इसका उल्टा भी होता था, अगर उन्हें कोई शक होता तो हम उस पर भी चर्चा करते थे। मेरे परिवार में हम सभी योद्धा हैं और हम आसानी से हार नहीं मानते। इसलिए मैं कड़ी मेहनत करता रहा और मेरे आसपास अच्छे लोग थे।"
बता दें कि, बाबर आजम और इमाम उल हक ने लंबे समय तक एक साथ क्रिकेट खेला है और अब दोनों ही खिलाड़ी एक साथ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भी पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व करते हैं। अक्सर कई सारे इंटरव्यू में जब कप्तान बाबर आजम से उनके सबसे अच्छे दोस्त के बारे में पूछा जाता है तो वह इमाम का ही नाम लेते हैं।
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