‘धोनी को दावत में न बुलाने के कारण खराब हुआ मेरा करियर’, संन्यास के लम्बे समय के बाद मोहम्मद कैफ का बड़ा खुलासा


मोहम्मद कैफ भारतीय टीम के वो क्रिकेटर जो एक समय भारतीय टीम के स्टार बल्लेबाज हुए करते थे। लेकिन साल 2007 के बाद उनका करियर एकदम से समाप्त हो गया। कैफ को हमेशा साल 2002 में नेटवेस्ट ट्रॉफी के फाइनल मुकाबले में खेली गई।

उनकी पारी के कारण उनको याद किया जाएगा। उन्होंने फाइनल में 87 रन की पारी खेलकर भारतीय टीम को चैंपियन बनाया था। लेकिन इसके बाद जब से धोनी ने कप्तानी संभाली तो उनका करियर अचानक से खत्म हो गया।

पूरी टीम को बुलाया था दावत पर

मोहम्मद कैफ सौरव गांगुली के पसंदीदा क्रिकेटरों में से एक माने जाते थे। उन्होंने साल 2006 में एक सीरीज के दौरान पूरी टीम को अपने घर में दावत पर बुलाया था। जिसमें दिग्गज खिला़ड़ियो के साथ युवा चेहरे भी शामिल थे। दावत में उनके घर में 2 अलग-अलग कमरों में खिलाड़ियो को बैठाया गया। सीनियर खिलाड़ी एक कमरे में तो वहीं युवा खिलाड़ियो को अलग कमरे में बैठाया गया था।

इस किस्से को लेकर मोहम्मद कैफ ने बताया था कि उन्होंने उस दावत के दौरान युवा खिलाड़ियों को अलग कमरे में बैठाया था। उसको लेकर उन्होंने बताया कि मैं उस समय बहुत नर्वस था, जब सचिन तेंदुलकर और सौरव गांगुली जैसे बड़े क्रिकेटरों को मैंने डिनर के लिए बुलाया था। साथ में तत्कालीन कोच ग्रेग चैपल भी मौजूद थे। मुझे लगा मैं कैसे उनको अटेंड करूंगा। मेरा सारा ध्यान तेंदुलकर और गांगुली जैसे बड़े क्रिकेटरों की मेजबानी में था।

धोनी ने भी कहा था मैं भी नहीं रखूंगा ध्यान

उस दावत में मोहम्मद कैफ ने महेंद्र सिंह धोनी को नहीं बुलाया था। अपने एक इंटरव्यू में मोहम्मद कैफ ने कहा था कि उन्होंने महेंद्र सिंह धोनी को उस समय बिरयानी नहीं खिलाई थी। जिसके कारण ही एम एस धोनी के कप्तान बनने के बाद उनकी वापसी नहीं हुई।

इसके साथ ही माही ने कैफ पर तंज कसकर कहा था कि उन्होंने अपने घर में ख्याल नहीं रखा अब वो जब मेरे घर आयेंगे तो मैं उनका ख्याल नहीं रखूंगा। मजाकिया अंदाज में एक बार कैफ ने कहा था कि इस वजह से 2007 में धोनी जब कप्तान बने तो मैं टीम में वापसी नहीं कर सका, वो हमेशा मुझे याद दिलाते रहते हैं कि जब वो घर आए थे तो मैंने उनका अच्छे से ध्यान नहीं रखा था।

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