जब एजबेस्टन के मैदान पर इंग्लैंड के खिलाफ अकेले लड़े थे विराट कोहली, नहीं दिया था किसी ने साथ


भारत और इंग्लैंड के बीच 1 जुलाई से 2021 में खेली गई टेस्ट सीरीज का बाकी एकमात्र टेस्ट मैच खेला जाना है। साल 2021 में भारतीय टीम इंग्लैंड के दौरे पर गई थी जहां भारतीय टीम को पांच टेस्ट मैचों की सीरीज खेलनी थी। भारतीय टीम ने चार टेस्ट मैच खेल लिए थे। लेकिन पांचवें टेस्ट से पहले भारतीय कैंप में कोविड केसेस आने के कारण पांचवा टेस्ट मैच नही हो पाया था। और अब वही टेस्ट मैच खेलने के लिए भारतीय टीम इंग्लैंड पहुंच चुकी है। टेस्ट मैच एजबेस्टन के मैदान पर खेला जाना है।

2021 में जब भारतीय टीम इंग्लैंड दौरे पर गई थी तब वहां पर एजबेस्टन के मैदान पर कोई भी टेस्ट मैच नहीं खेला गया था। लेकिन आज हम साल 2018 में इंग्लैंड के खिलाफ एजबेस्टन में खेले गए टेस्ट मैच के बारे में बताने जा रहे हैं जब एजबेस्टन टेस्ट मैच में भारतीय टीम महज 31 रनों से मुकाबला हार गई थी। उस मुकाबले में विराट कोहली अकेले इंग्लैंड की टीम से लोहा लेते नजर आए थे लेकिन टीम के खिलाड़ी उनका साथ नहीं दे सके थे। नतीजन भारतीय टीम को उस टेस्ट मैच में 31 रनों से हार का सामना करना पड़ा था।

तमाम सवाल और आलोचनाओं के बीच इंग्लैंड में विराट कोहली ने दिखाया था अपने बल्ले का जौहर

साल 2018 में जब विराट कोहली की अगुवाई वाली भारतीय टीम इंग्लैंड दौरे पर पहुँची थी तो उससे पहले विराट कोहली को लेकर तमाम सवाल, आलोचनाएं भी हो रही थी। क्योंकि विराट कोहली इससे पहले जब साल 2014 में इंग्लैंड दौरे पर गए थे तब टेस्ट मैच की 10 पारियों में विराट कोहली के बल्ले से मात्र 134 रन निकले थे। ऐसे में सवाल उठना लाजमी थे। क्योंकि विराट कोहली के बल्ले से अब तक इंग्लैंड की सरजमी पर रन नहीं निकले थे ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यही था कि क्या इस दौरे पर विराट कोहली अपने बल्ले से कुछ करिश्मा दिखा पाएंगे या नहीं. लेकिन यह इंग्लैंड दौरा तो विराट कोहली के लिए कुछ और ही होने वाला था। शायद यहां से विराट कोहली यह दिखाने वाले थे कि ऐसी कोई परिस्थितियां नहीं है जहां विराट कोहली रन ना बना सके और हुआ भी कुछ ऐसा ही।

भारत और इंग्लैंड के बीच एजबेस्टन में पहला टेस्ट मैच शुरू हुआ। इंग्लैंड ने अपनी पहली पारी में 287 रन बनाए थे। भारतीय टीम की जब बल्लेबाजी शुरू हुई तब भारतीय बल्लेबाजी एकाएक इंग्लैंड की गेंदबाजी के सामने ढहना शुरू हो गई थी। भारतीय टीम के मात्र 100 रनों पर 5 विकेट गिर चुके थे। ऐसी परिस्थिति में एक बार फिर से निगाहें विराट कोहली के ऊपर थी लेकिन विराट कोहली के ऊपर बड़ा सवाल यही था कि वह खिलाड़ी जिसने इंग्लैंड की सरजमीं पर पिछली सीरीज में सिर्फ 134 रन बनाए हो क्या वह भारत को इन कठिन परिस्थितियों से बाहर निकालेगा। लेकिन इस बार विराट कोहली पूरी तैयारी के साथ आए थे। विराट कोहली ने इंग्लैंड की सरजमीं पर भारतीय टीम को संकट से उबारते हुए शानदार शतक लगा दिया और एक वक्त पर 150 रन से ऊपर पिछड़ती हुई दिखाई दे रही भारतीय टीम को इंग्लैंड के टोटल के करीब ला खड़ा किया था। विराट कोहली ने पहली पारी में 149 रनों की शानदार पारी खेली थी और इंग्लैंड में अपना पहला शतक भी लगाया था।

भारतीय टीम के पूर्व कप्तान विराट कोहली की पारी यहीं पर समाप्त नहीं हुई थी। पहली पारी में 149 रनों की शानदार पारी खेलने के बाद जब भारतीय टीम को टेस्ट में जीतने के लिए महज 194 रनों की आवश्यकता थी और पूरी भारतीय टीम संघर्ष कर रही थी। तब विराट कोहली ही एकमात्र ऐसे खिलाड़ी थे जो इंग्लैंड के गेंदबाजों का सामना कर रहे थे और भारतीय टीम की जीत की उम्मीद को बरकरार रख रहे थे। लेकिन विराट कोहली का 51 रनों पर आउट होना टीम इंडिया को भारी पड़ गया था। और भारतीय टीम को एक जीता हुआ टेस्ट मैच 31 रनों से गवाना पड़ गया था।

अब एक बार फिर से भारत और इंग्लैंड के बीच एजबेस्टन के ही मैदान पर पांचवा टेस्ट मैच खेला जाना है। और एक बार फिर से विराट कोहली से उसी पारी की उम्मीद जताई जा रही है। हालांकि पिछले कुछ समय से विराट कोहली का बल्ला बेहद खामोश नजर आ रहा है लेकिन इसमें कोई दो राय नहीं है कि अगर विराट कोहली इस टेस्ट मैच में रन बनाकर भारतीय टीम को जीत दिलाते हैं तो यहां से एक अलग ही विराट कोहली नजर आ सकते हैं।

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