साउथ अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज में 2-0 की करारी हार ने टीम इंडिया की वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप 2025-27 की उम्मीदों को तगड़ा झटका दिया है। गुवाहाटी में दूसरे टेस्ट में मिली 408 रन की हार ने टीम को WTC टेबल में पांचवें स्थान पर पहुंचा दिया। जिसके चलते भारत का पॉइंट्स प्रतिशत (PCT) गिरकर 48.15 पर आ गया है।
भारत अब तक इस चक्र में 9 मैच खेल चुका है जिसमें 4 जीते हैं, 4 हारे हैं और 1 ड्रॉ रहा है। अपने ही घर में न्यूजीलैंड से मिली 3-0 और अब साउथ अफ्रीका से क्लीन स्वीप ने स्थिति को और बिगाड़ दिया।
आगे की राह कैसी है?
आगे भारत की राह बिल्कुल आसान नहीं है। वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप में उम्मीदें जिंदा रखने के लिए टीम इंडिया को अपने बचे हुए 9 टेस्ट मैचों में दमदार प्रदर्शन करना होगा। आने आने वाले महीनों में भारत तीन महत्वपूर्ण सीरीज खेलेगा, पहली, अगस्त 2026 में श्रीलंका के खिलाफ दो टेस्ट मैच, फिर अक्टूबर-नवंबर में न्यूजीलैंड दौरे पर दो टेस्ट की चुनौती और तीसरी, सबसे अहम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जनवरी-फरवरी 2027 में पांच मैचों की घरेलू टेस्ट सीरीज। ये नौ मैच ही तय करेंगे कि भारत फाइनल तक पहुंच पाएगा या नहीं।
कितनी जीत पर क्वालिफाई हो सकती है टीम इंडिया?
WTC पॉइंट्स स्ट्रक्चर के हिसाब से भारत की स्थिति कुछ ऐसे बन सकती है:
- अगर भारत 9/9 मैच जीतता है तो PCT होगा 74.1%
- 7 जीत + 1 ड्रॉ + 1 हार तो PCT होगा 64.8%
- 6 जीत + 2 ड्रॉ + 1 हार तो PCT होगा 61.1%
- 6 जीत + 1 ड्रॉ + 2 हार तो PCT घटकर 59.3%
मतलब साफ है कि क्वालिफाई करने के लिए भारत को कम से कम 6 जीत की ज़रूरत पड़ेगी और 2 से ज्यादा मुकाबलों में हार से बचना होगा। ऐसे में श्रीलंका और न्यूजीलैंड की अवे सीरीज बेहद अहम रहेंगी। वहीं, ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ होम सीरीज भारत के लिए ‘मस्ट-विन’ साबित हो सकती है।
इस बीच बाकी टीमें कहां खड़ी हैं?
साउथ अफ्रीका ने भारत को हराकर PCT बढ़ाकर 75% कर लिया है वे अब दूसरे स्थान पर हैं। वहीं, ऑस्ट्रेलिया(100% PCT) इस समय टॉप पर है। जबकि पाकिस्तान चौथे स्थान पर है (50% PCT) और न्यूजीलैंड ने अभी तक मौजूदा चक्र में एक भी टेस्ट नहीं खेला है।
साउथ अफ्रीका से हार के बाद टीम इंडिया का सफर मुश्किल जरूर हुआ है, लेकिन अभी खत्म नहीं। अगर शुभमन गिल एंड कंपनी आगे मजबूत वापसी करती है और कम से कम 6 मुकाबले जीत लेती है और 2 से ज्याद मुकाबले नहीं हारती है, तो WTC 2027 फाइनल में पहुंचने की उम्मीदें पूरी तरह जिंदा रह सकती हैं।
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