Match Fixing: क्रिकेट को सज्जनों का खेल कहा जाता है। इसमें हिंसा, चीटिंग और धोखेबाजी की कोई जगह नहीं है। मगर कुछ खिलाड़ी ऐसे हैं, जो अपने ईमान को दांव पर लगाकर इस खेल की मर्यादा को भंग करने की कोशिश करते हैं। ऐसे खिलाड़ियों के ऊपर कड़े एक्शन लिए जाते हैं।
अब आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 से ठीक पहले मैच फिक्सिंग (Match Fixing) का एक गंभीर मामला सामने आया है, जिसमें खिलाड़ी को कठोर सजा मिली है। आइये इस मामले के बारे में विस्तार से जानते हैं –
इस खिलाड़ी ने किया शर्मसार
बांग्लादेश महिला क्रिकेट टीम की खिलाड़ी शोहेली अख्तर ने 2023 महिला टी20 वर्ल्ड कप के दौरान मैच फिक्स करने की कोशिश की थी। वे अपने इस घटिया प्लान में सफल नहीं हो सकी। मगर आईसीसी को इसकी भनक लग गयी और अब उन्होंने इस महिला खिलाड़ी के ऊपर कड़ा एक्शन लेते हुए बैन लगा दिया है। यह क्रिकेट इतिहास में पहला मामला है, जब किसी महिला खिलाड़ी के ऊपर मैच फिक्सिंग (Match Fixing) के चलते प्रतिबंध लगा है।
इतने सालों के लिए हुई बैन
शोहेली अख्तर पर आरोप हैं कि उन्होंने मैच फिक्सिंग (Match Fixing) की कोशिश की थी। उन्होंने अपनी टीम की एक खिलाड़ी को रिश्वत की पेशकश की और आईसीसी की एंटी करप्शन यूनिट की जांच में बाधा भी डाली। इसके अलावा उन्हें तीन अन्य प्रावधानों का उल्लंघन करने का दोषी पाया गया और उन पर सभी प्रकार के क्रिकेट में हिस्सा लेने से पांच वर्ष का बैन लगा दिया गया है। शोहेली ने बांग्लादेश के लिए दो वनडे और 13 टी20 मैच खेल हैं।
क्या है पूरा मामला
शोहेली अख्तर 2023 में दक्षिण अफ्रीका में खेले गए महिला टी20 वर्ल्ड कप के लिए बांग्लादेशी टीम का हिस्सा नहीं थी। मगर उन्होंने टूर्नामेंट के दौरान एक बांग्लादेशी खिलाड़ी से फेसबुक मैसेंजर के जरिए बातचीत की। शोहेली ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मुकाबले में बांग्लादेशी खिलाड़ी को हिट विकेट आउट होने के लिए 2 मिलियन बांग्लादेशी टका यानि लगभग 14 लाख भारतीय रुपए देने की पेशकश की। मगर खिलाड़ी ने तुरंत इस मामले की जानकारी एंटी करप्सशन यूनिट को दे दी।
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