Sachin and Kambli met in Ramakant Achrekar Memorial Inauguration: भारतीय क्रिकेट के सबसे महानतम बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर और उनके बचपन के साथी विनोद कांबली... ये वो दो क्रिकेटर हैं, जिन्होंने अपनी क्रिकेट की एबीसीडी कोच रमाकांत आचरेकर से सीखी। सचिन और कांबली की लंबे समय बाद गुरु आचरेकर के ही एक कार्यक्रम में मुलाकात हुई और दोनों के बीच मुलाकात भावुक कर देने वाली रही।
जी हां... मुंबई में मंगलवार को शिवाजी पार्क में रमाकांत आचरेकर के स्मारक का उद्घाटन का कार्यक्रम था। इस कार्यक्रम में उनके 2 सबसे चहेते शिष्य रहे सचिन तेंदुलकर और विनोद कांबली को भी बुलाया गया था। जहां मनसे प्रमुख राज ठाकरे भी मौजूद रहे। इस दौरान सचिन तेंदुलकर और विनोद कांबली के बीच मुलाकात हो जाती है।
जब कांबली एक पल के लिए सचिन को नहीं पहचान सके
जब बचपन के 2 सच्चे साथी आपस में मिलते हैं, तो ये पल भावुक कर देने वाला था। दरअसल सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि स्टेज पर बैठे विनोद कांबली को देखते ही सचिन तेंदुलकर उनके पास जाते हैं, लेकिन विनोद कांबली एक पल के लिए अपने सबसे बड़े जिगरी यार सचिन को पहचान ही नहीं पाते। फिर अचानक से कांबली को सचिन के बारे में याद आता है और वो मजबूती से हाथ पकड़ने की कोशिश करते हैं।
लेकिन सचिन तेंदुलकर गुरु रमाकांत आचरेकर के स्मारक का उद्घाटन करने के लिए कांबली का हाथ छुड़वाकर आगे बढ़ जाते हैं। ये पल वाकई में भावुक कर देने वाला नजर आ रहा है, जहां दो बचपन के सच्चे यार जिस तरह से गर्मजोशी से मिल रहे हैं, वो देखने लायक नजारा था। विनोद कांबली खड़े होकर सचिन से गले तो मिलना चाहते थे, लेकिन शारीरिक समस्या और बीमारी की वजह से वो बहुत मजबूर दिखे और सचिन से खड़े होकर नहीं मिल सके। आपको बता दें कि कांबली का स्वास्थ्य इन दिनों अच्छा नहीं है।This is painful.
— Kumar Manish (@kumarmanish9) December 3, 2024
Sachin Tendulkar meeting his “friend”& former cricketer Vinod Kambli during an event in Mumbai.
What a contrasting fortune despite starting from same line.
pic.twitter.com/3ADvCR2nPP
गुरु रमाकांत आचरेकर के मार्गदर्शन में दोनों की प्रतिभा की पहचान हुई और अपने जबरदस्त खेल के दम पर टीम इंडिया में भी जगह बना ली। एक अपनी मेहनत के निखर गया, तो दूसरा बिखर गया। सचिन ने भारतीय क्रिकेट को 24 साल का सुनहरा काल दिया। लेकिन कांबली जल्द ही खत्म हो गए। जिनका भारत के लिए लंबा करियर नहीं बन सका।
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