क्या पूरी तरह सोने से बना होता है ओलंपिक का गोल्ड मेडल? हर एक पदक के बारे में जानिए पूरी डिटेल

 


Olympics Medal Details : कुछ ही दिनों में पेरिस ओलंपिक 2026 का आगाज होने वाला है। दुनिया के दिग्गज एथलीट्स इस सबसे बड़े स्पोर्टिंग इवेंट में अपना बेस्ट देने के लिए पूरी तैयारी कर रहे हैं। हर एक खिलाड़ी का सपना होता है कि वो ओलंपिक में मेडल जीते। क्योंकि यहां पर पूरी दुनिया के बेस्ट एथलीट्स ही हिस्सा लेते हैं और इसी वजह से जब कोई खिलाड़ी यहां पर मेडल जीतता है तो उसकी अहमियत काफी बढ़ जाती है। उस खिलाड़ी को लगता है कि जैसे उसने पूरी दुनिया ही फतह कर ली हो।

ओलंपिक में हर एक खिलाड़ी का सपना होता है कि वो गोल्ड मेडल ही जीते, क्योंकि गोल्ड मेडल जीतने वाले खिलाड़ी के देश का ही झंडा सबसे ऊपर होता है और राष्ट्रगान बजाया जाता है। हालांकि क्या आप जानते हैं कि जो गोल्ड मेडल खिलाड़ियों को दिया जाता है वो पूरी तरह से सोने का नहीं होता है। हम आपको बताते हैं कि गोल्ड मेडल किससे बना होता है।

गोल्ड मेडल किससे बना होता है?

गोल्ड मेडल चांदी से बना होता है, जिस पर सोने का पानी चढ़ाया जाता है। गोल्ड मेडल में केवल 6 ग्राम ही गोल्ड होता है और बाकी चांदी होता है। गोल्ड मेडल का कुल वजन करीब 556 ग्राम होता है। 1912 के स्टॉकहोम ओलंपिक में आखिरी बार पूरी तरह से सोने के बने पदक दिए गए थे। इसके बाद से गोल्ड मेडल को चांदी से मिलाकर बनाया जाने लगा।

सिल्वर मेडल में पूरी तरह से चांदी होता है

वहीं सिल्वर मेडल की अगर बात करें तो यह करीब 550 ग्राम का होता है और ये पूरी तरह से शुद्ध चांदी का ही बना होता है। वहीं कांस्य पदक में कॉपर और जिंक मिला होता है। पांच प्रतिशत जिंक और बाकी कॉपर से मिलाकर इसे बनाया जाता है।

आपको बता दें कि 1904 के सेंट लुई खेलों में पहली बार स्वर्ण, रजत और कांस्य पदक का उपयोग किया गया था और तबसे ही यह सिलसिला लगातार चलता आ रहा है। समय-समय पर इन पदकों के आकार, वजन और डिजाइन में बदलाव होता रहा है। ओलंपिक की मेजबानी करने वाले देश अपने-अपने हिसाब से भी पदक तैयार करते हैं।

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