Dhruv Jurel Story: मां ने सोने की चेंन बेचकर दिलाई थी क्रिकेट किट, अब बेटा भारत के लिए खेलेगा टेस्ट क्रिकेट

 


Dhruv Jurel Story: क्रिकेट और क्रिकेटरों से जुड़ी कई ऐसी अनसुनी कहानियां हैं जिसे जानकर फैंस बिल्कुल दंग रह जाते हैं ऐसी ही एक कहानी है भारतीय टीम के युवा विकेटकीपर बैटर ध्रुव जुरेल (Dhruv Jurel) की। ध्रुव जुरेल ने लगातार मेहनत करके भारतीय टेस्ट टीम में अपनी जगह बनाई है। वह इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू जमीन पर होने वाली पांच मैचों की टेस्ट सीरीज के लिए टीम का हिस्सा बने हैं, लेकिन यहां तक पहुंचने के लिए उनके माता-पिता ने भी काफी बलिदान किया।

मां से बेच दी सोने की चेंन

ध्रुव जुरेल ने काफी कम उम्र में ही एक क्रिकेटर बनने का सपना देख लिया था। जब वो 14 साल के थे तब उन्होंने अपने पिता से एक कश्मीरी विलो बैट की मांग की। ये बैट काफी महंगा था, लेकिन पिता ने जैसे-तैसे करके अपने बेटे की इच्छा पूरी की और उन्हें बैट दिलाया। लेकिन, जब ध्रुव ने पूरी क्रिकेट किट मांगी तब पिता बेटे की ये इच्छा पूरी करने में असमर्थ थे।

छोटे ध्रुव ये जानकार काफी नाराज हो गए और उन्होंने खुद को बाथरूम में बंद कर लिया। उन्होंने अपने माता पिता को धमकी तक दे दी कि अगर वो क्रिकेट किट नहीं लाए तो वो घर से भाग जाएंगे, ऐसे में उनकी मां का दिल पसीजा और उन्होंने अपने सोने की चेंन ध्रुव के पिता को देकर कहा कि चेंन को बेचकर बेटे के लिए किट लाई जाए। ये कितना बड़ा बलिदान था तब ध्रुव नहीं समझ सके, लेकिन आज वो इसकी अहमियत जानते हैं।

पिता हैं कारगिल के हीरो

आपको बता दें कि ध्रुव जुरेल के पिता एक फौजी रह चुके हैं। उन्होंने कारगिल की लड़ाई में भी हिस्सा लिया था। ध्रुव के पिता का नाम नेम सिंह जुरेल है। वो चाहते थे कि उनका बेटा भी फौज में शामिल होकर देश सेवा करे, लेकिन क्रिकेट के प्रति प्यार को देखकर ध्रुव ने क्रिकेटर बनकर देश सेवा करने का फैसला किया।

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