24 सितंबर 2007 को जोहांसबर्ग में ये यादगार मुक़ाबला खेला गया था। टॉस जीतकर भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने पहले बल्लेबाज़ी का फ़ैसला किया था। सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर ने इस बड़े मैच में बड़ी पारी खेली थी। उन्होंने 54 गेंदो पर 75 रनों की पारी खेलते हुए भारत को अच्छे स्कोर की तरफ़ मोड़ दिया था। आख़िरी लम्हों में 16 गेंदो पर 30 रन बनाते हुए रोहित शर्मा ने भारत का स्कोर 20 ओवर में 157 रन पहुंचा दिया था।
मिस्बाह उल हक ने मैच को बनाया था रोमांचक
उन्होंने बेहतरीन बल्लेबाजी को और मैच को आखिर तक लेकर गए। आख़िरी ओवर में जीत के लिए पाकिस्तान को 13 रनों की ज़रूरत थी। कप्तान धोनी ने हर किसी को चौंकाते हुए गेंदबाजी की जिम्मेदारी जोगिंदर शर्मा को दी। पाकिस्तान और भारत के जीत के बीच में अब बस मिस्बाह ही थे, क्योंकि पाकिस्तान के 9 विकेट गिर चुके थे। जोगिंदर शर्मा ने पहली गेंद वाइड डाली और अगली गेंद पर मिस्बाह ने लंबा छक्का लगाते हुए पूरे भारत की सांसें रोक दी।
अब पाकिस्तान को जीत के लिए सिर्फ 4 गेंद पर 6 रन चाहिए थे लेकिन इसके बाद मिस्बाह उल हक ने जो गलती की उसकी वजह से भारत वर्ल्ड चैंपियन बन गया। उन्होंने जो स्कूप शॉट खेला वो सीधा श्रीसंत के हाथ में चला गया और भारत ने वो मुकाबला जीतकर इतिहास रच दिया।
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