इन 5 खिलाड़ियों को नहीं मिला कभी इंटरनेशनल डेब्यू का मौका, एक ने जड़े 27 शतक, तो लिए 639 विकेट


Team India : भारतीय क्रिकेट टीम आज विश्व की सबसे मजबूत टीमों में से एक है। खुद भारत ही सबसे ज्यादा आबादी वाला देश है जिसकी वजह से भी भारतीय टीम में जगह बनाने के लिए खिलाड़ियों को कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ता है। कई खिलाड़ियों को जहां भारतीय टीम में जहा आसानी से जगह मिल जाती है वहीं कुछ खिलाड़ी को अथक परिश्रम करने के बाद भी टीम में जगह नहीं मिल पाती है। भारतीय क्रिकेट के इतिहास में कुछ ऐसे ही 5 अनलकी खिलाड़ी रहे हैं जिन्होंने घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन किया लेकिन उसके बाद भी इन खिलाड़ियों को टीम में जगह नहीं मिली।

अमरजीत कायपी

80 और 90 के दशक में प्रथम श्रेणी क्रिकेट में अमरजीत कायपी (Amarjeet kayapi)का नाम सबसे ज्यादा चल रहा था। इस खिलाड़ी ने लगभग 53 की औसत से रन बनाए थे और प्रथम श्रेणी क्रिकेट में उनके 27 शतक थे। इतना शानदार रिकॉर्ड होने के बाद भी उन्हें कभी भारतीय टीम की तरफ से खेलने का मौका नहीं मिल सका।

राजिंदर गोयल

राजिंदर गोयल (Rajindar goyal) ने साल 1958 में अपने प्रथम श्रेणी क्रिकेट की शुरुआत की थी। इस खिलाड़ी ने अपने प्रथम श्रेणी करियर में 639 विकेट अपने नाम किए जो आज भी एक बड़ा कीर्तिमान है। साल 1985 तक घरेलू क्रिकेट खेलने के बाद भी इस खिलाड़ी को कभी भारतीय टीम की तरफ से खेलने का मौका नहीं मिल सका।

जलज सक्सेना

जलज सक्सेना (Jalaj saxena)उन खिलाड़ियों में से एक है जो आज भी घरेलू क्रिकेट में खेलते नजर आ रहे हैं। 136 प्रथम श्रेणी क्रिकेट मुकाबलों में इस खिलाड़ी ने 6567 रन बनाए हैं। उसके अलावा इस गेंदबाज ने 410 विकेट भी अपने नाम किए हैं। लेकिन उनकी उम्र 36 साल की हो चुकी है जिसकी वजह से ही भारत की तरफ से खेलना उनके लिए बेहद मुश्किल नजर आ रहा है।

अमोल मजूमदार

अमोल मजूमदार (Amol muzumdar) भारत के उन खिलाड़ियों में से एक रहे हैं जो प्रथम श्रेणी क्रिकेट के पहले ही मुकाबले में दोहरा शतक जड़ने में कामयाब रहे थे। इस खिलाड़ी की तुलना लोग सचिन तेंदुलकर से करने लगे थे। 171 प्रथम श्रेणी क्रिकेट मुकाबलों में शानदार तरीके से इस खिलाड़ी ने 11167 रन बनाए हैं लेकिन इस शानदार रिकॉर्ड के बाद भी इस खिलाड़ी को भारतीय टीम में कभी जगह नहीं मिली।

मिथुन मन्हास

भारत के सबसे अनलकी खिलाड़ियों में मिथुन मन्हास (Mithun manhas)का नाम भी शामिल होता है। इस खिलाड़ी का प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 45 की एवरेज का रिकॉर्ड है और उन्होंने 15000 से ज्यादा रन भी बनाए हैं। लेकिन उसके बाद भी चयनकर्ताओं ने कभी भी इस खिलाड़ी की तरफ रुख नहीं किया।

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