Special Story: सचिन के रिटायरमेंट के दिन उनके कमरे के बाहर क्यों खड़े थे महेंद्र सिंह धोनी? जानिए पूरी कहानी

14 नवंबर 2013 का वह दिन जब क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर अपना 200वा और अंतिम टेस्ट मैच खेल रहे थे। यह मुकाबला मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में था और सामने वेस्टइंडीज की टीम थी। सचिन तेंदुलकर टेस्ट मैच मैं अपने 24 सालों के क्रिकेट करियर पर लगाम लगाने वाले थे। लेकिन हमारी यह कहानी सचिन तेंदुलकर के साथ-साथ महेंद्र सिंह धोनी और साक्षी धोनी से भी जुड़ी हुई है। क्योंकि यह 3 किरदार इस कहानी को पूरा करेंगे। कहानी यह है कि सचिन तेंदुलकर जिस दिन अपना रिटायरमेंट का ऐलान करने वाले थे आखिर क्यों महेंद्र सिंह धोनी उनके कमरे के बाहर खड़े हुए थे। इसका जवाब हम इस आर्टिकल में आपको देने जा रहे हैं।

इस वजह से तेंदुलकर के कमरे के बाहर खड़े थे धोनी

दरअसल यह कहानी भरत सुन्दरेशन ने महेंद्र सिंह धोनी को लेकर एक किताब लिखी है जिसका नाम है महेंद्र सिंह धोनी एक अबूझ पहेली। उसमें इस बात का जिक्र उन्होंने किया है। दरअसल महेंद्र सिंह धोनी की पत्नी साक्षी सचिन तेंदुलकर के 200वे टेस्ट मैच के पहले सचिन तेंदुलकर का ऑटोग्राफ चाहती थी। कप्तान होने के बावजूद महेंद्र सिंह धोनी इस बात को टालते रहे लेकिन जब काफी ज्यादा समय हो गया तो साक्षी धोनी ने ऑटोग्राफ के लिए ठान ही लिया और महेंद्र सिंह धोनी बड़ी हिचकिचाहट के साथ सचिन तेंदुलकर के कमरे के बाहर जाकर ऑटोग्राफ के खड़े हो गए। दरअसल धोनी को यह लग रहा था कि इस वक्त सचिन तेंदुलकर को परेशान करना ठीक नहीं है। काफी देर बाहर खड़े होने के बाद सचिन तेंदुलकर ने कमरे का दरवाजा खोला और बाहर महेंद्र सिंह धोनी और साक्षी साथ में खड़े थे। तेंदुलकर ने दोनों को अंदर बुलाया और महेंद्र सिंह धोनी ने सचिन तेंदुलकर से जो पहला शब्द कहा वो वह यह था कि ” हमें माफ करो सचिन, वो इस शर्ट पर आपका ऑटोग्राफ चाहती है आप जल्दी दे दो हम चले जाएंगे।

सचिन तेंदुलकर का ऑटोग्राफ पाकर साक्षी खुश हो गई और महेंद्र सिंह धोनी और साक्षी दोनों चले गए। कुछ इसी तरह का अंदाज हमेशा से महेंद्र सिंह धोनी का रहा है। उनका काम करने का तरीका दूसरों से अलग होता है एक कप्तान होने के बावजूद उनका इस तरह से सचिन तेंदुलकर के सामने हिचकिचाहट से जाना यह बताता है कि सचिन तेंदुलकर के प्रति उनका सम्मान किस तरह का है।


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