दुनिया की चार सबसे गरीब क्रिकेट टीमें, नंबर 1 का घरेलू मैदान ही भारत है

 


दोस्तों, अभी हाल ही में जिंबाब्वे के ऑलराउंड Cricket खिलाड़ी रियान वर्ल की वायरल हुई तस्वीर से तो आप सब वाकिफ हो चुके होंगे। जिसमें रियान यह दर्शाते हुए नजर आए हैं कि उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तरीय क्रिकेट भी, फटे हुए जूतों के साथ खेलना पड़ता है। दोस्तों वास्तव में यह फटे हुए जूतों की तस्वीर अपने पीछे घटित हुई कई घटनाओं को सिलसिलेवार तरीके से दर्शाती है।

वर्ल द्वारा शेयर की गई इस तस्वीर में एक देश की गरीबी, एक क्रिकेट बोर्ड की गरीबी,  और एक क्रिकेट टीम की गरीबी को साफ-साफ देखा जा सकता है। और इसी क्रम में आज हम आपके बीच साझा करेंगे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की 4 ऐसी  टीमों की कहानी , जो अपने खेल से ज्यादा आर्थिक तंगी के लिए प्रसिद्ध रही।

और इसी क्रम में आज हम आपके बीच साझा करेंगे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की 4 ऐसी  टीमें, जो अपने खेल से ज्यादा आर्थिक तंगी के लिए प्रसिद्ध रही। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में आर्थिक तंगी से जूझने वाली क्रिकेट टीमों की फेहरिस्त में चौथे नंबर पर शामिल है

1. अफगानिस्तान क्रिकेट टीम

अफगानिस्तान क्रिकेट टीम क्रिकेट । जी हां  दोस्तों अफगानिस्तान क्रिकेट टीम विश्व की उन टीमों में शुमार है जहां आर्थिक तंगी अपने चरम पर है अफगानिस्तान क्रिकेट टीम के पास अपने देश में कोई अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैदान नहीं है जिस कारण है अफगानिस्तान  टीम भारत में दिल्ली और देहरादून के क्रिकेट मैदानों को अपने होम ग्राउंड्स के तौर पर इस्तेमाल करते हैं।

अगर बात करें अफगान खिलाड़ियों की सैलरी की तो अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड अपने स्टार खिलाड़ी, राशिद खान को सबसे ज्यादा सैलरी देता है।  जिसका अमाउंट 3500 US dollar है। यदि हम इस राशि को भारतीय रुपयों में कन्वर्ट करें तो यह तकरीबन 255000 रुपयों के करीब होंगे। इसके अलावा कई अफगान खिलाड़ियों की सैलरी ₹100000 से भी कम है।

2. नेपाल क्रिकेट टीम

विश्व की सबसे गरीब क्रिकेट टीमों में तीसरे नंबर पर शामिल होती है नेपाल क्रिकेट टीम। दोस्तों आपको बता दे नेपाल क्रिकेट एसोसिएशन, आईसीसी के एसोसिएट मेंबर्स में शामिल है और यहां के प्लेयर्स को सैलरी आईसीसी के द्वारा ही दी जाती है ‌ नेपाल में क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिए आईसीसी नेपाल क्रिकेट में निवेश को बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है,

जिसके प्रभाव से संदीप लामिछाने जैसे नेपाली खिलाड़ी अपने देश से निकलकर विश्व क्रिकेट में अपना नाम कमा रहे हैं। दोस्तों बात करें यदि नेपाली नेशनल क्रिकेट प्लेयर्स की सैलरी की, तो नेशनल क्रिकेट खेलने के लिए एक नेपाली क्रिकेटर्स को लगभग पचास हजार रुपयों से 1.5 लाखों रुपए तक दिए जाते हैं।

3. केन्या क्रिकेट टीम

दूसरे नंबर पर शामिल होती है केन्या क्रिकेट टीम! दोस्तों आजकल भले ही इंटरनेशनल क्रिकेट के एक्शन से Kenyan cricket team नदारद रहती है, पर एक जमाने में इस क्रिकेट टीम का नाम क्रिकेट जगत में, हमेशा सुर्खियों में बना रहता था। इस टीम के पतन का मुख्य कारण रहाआर्थिक संघर्ष।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेल रहे एक Kenyan खिलाड़ी की सैलरी 65 यूएस डॉलर से 90 यूएस डॉलर के बीच हुआ करती थी, जिसका भारतीय रुपयों में मौद्रिक मान 4000 से 6000 रुपयों के बीच है।इतनी कम सैलरी के कारण ही kenyan खिलाड़ी अपने बोर्ड से किनारा करते गए और यह टीम विश्व क्रिकेट मुकाबलों से दूर होती चली गई।

4. जिंबाब्वे क्रिकेट टीम

दोस्तों विश्व क्रिकेट इतिहास में यदि सबसे ज्यादा किसी टीम ने आर्थिक संघर्ष को झेला है तो वह  जिंबाब्वे क्रिकेट टीम ही है, जिसे साल 2019 में आईसीसी ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से बैन कर दिया था और वजह थी जिंबाब्वे क्रिकेट बोर्ड के पास पैसों की कमी। साल 2019 में जिंबाब्वे क्रिकेट के पास इतने पैसे भी नहीं थे कि भी अपने क्रिकेटर्स को सैलरी दे सके,

जिसके कारण आईसीसी ने जिंबाब्वे क्रिकेट बोर्ड पर प्रतिबंध लगा दिया था। अगर बात करें जिंबाब्वे  प्लेयर्स की सैलरी की तो कई जिंबाब्वे प्लेयर्स को अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने के मात्र 2 से 3000 रुपए ही मिलते है। इतने कम पैसों के कारण ही जिंबाब्वे के युवाओं का रुझान क्रिकेट की तरफ बिल्कुल भी नहीं रहता जिस कारण है टीम अतीत में अर्जित की गई अपनी खेती को धूमिल करती जा रही है।

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