3 टैलेंटेड खिलाड़ी जिनको टीम इंडिया में उनके योग्यता के अनुरूप नहीं मिला पर्याप्त मौका, मज़बूरी में लेना पड़ा संन्यास


इंडियन क्रिकेट का स्तर अब विश्व की सबसे बड़ी टीम में गिना जाता है। भारतीय क्रिकेटर के बीच काफी प्रतिस्पर्धा शुरू हो चुकी है। इसी प्रतिस्पर्धा के बीच कई बार ऐसे खिलाड़ियों को मौका नहीं मिल पाता जिनमे काफी टैलेंट होता है। वर्तमान में भारतीय क्रिकेट टीम के अनाउंसमेंट के बाद युवा खिलाड़ियों को मौका नहीं जैसी कई ट्रेंड ट्विटर पर BCCI  को ट्रॉल किए जाते हैं। लेकिन आज हम यहां आपको उन तीन खिलाड़ियों के बारे में बताने जा रहें हैं जोकि Team India अपनी योग्यता के बराबर नहीं खेल सके, उन्हें उतने मौके नहीं मिले। जितने मौके उनकी योग्यता को मिलने चाहिए थे।

मनोज तिवारी ( Manoj Tiwari)

Team India में पिछले कुछ समय में देश के हर कोने से खिलाड़ी निकलकर आए है। जिसने भारतीय क्रिकेट के स्तर को अभूतपूर्व सफलता दिलाई है। इसी क्रम में बंगाल के क्रिकेट खिलाड़ी मनोज तिवारी शामिल है। क्रिकेट दिग्गजों के अनुसार खिलाड़ी के अंदर क्रिकेट का हुनर काफी है।

लेकिन उन्हें घरेलू क्रिकेट में काफी अच्छा प्रदर्शन करने के बाद भी नेशनल लेवल पर ज्यादा मौके नहीं मिल सके हैं। उन्हें वन डे इंटरनेशनल में कुल 12 मैच खेलने का मौका मिला है। साथ ही टी20 फॉर्मेट में मात्र तीन मैच ही खेले हैं। खिलाड़ी ने 2008 में भारतीय टीम के लिए डेब्यू किया था, जिसके बाद उन्होंने एक शतक भी बनाया था। हालांकि उनके बाद भी खिलाड़ी को उनकी योग्यता के अनुरूप मौके नहीं मिल सकें हैं।

मुरली कार्तिक ( Murali Kartik)

भारतीय क्रिकेट टीम में वर्तमान तेज कर स्पिन गेंदबाजी का शानदार समीकरण देखा जाता है। लेकिन कुछ समय पहले तक Team India में स्पिन गेंदबाजों का बोलबाला था। जिसके चलते भारतीय पिचों पर भी स्पाइनर्स को ज्यादा मदद मिलती रही है। अनिल कुंबले और हरभजन सिंह ने Team India में जिस तरह का खेल दिखाया और काफी रिकॉर्ड भी बनाए। लेकिन इन दो खिलाड़ियों के नियमित प्रदर्शन के बाद मुरली कार्तिक का हुनर दब गया। हालांकि उन्हें 8 टेस्ट, 37 वनडे के साथ 1 टी20 मैचए मौका मिला है। वहीं प्रथम श्रेणी क्रिकेट में मुरली कार्तिक के नाम पर 644 विकेट दर्ज हैं। जिससे साफ है कि नेशनल टीम में खिलाड़ी को इस तरह सपोर्ट नहीं मिला, जिसके वो हकदार थे।

इरफान पठान ( Irfan Pathan)

बड़ौदा के खिलाड़ी ऑल राउंडर इरफान पठान जिन्हें विश्व कप विजेता कप्तान कपिल देव के काफी बाद भारतीय टीम Team India में एक शानदार खिलाड़ी के तौर पर देखा जाता था। 2003 और 2004 को समय इरफान पठान भारतीय क्रिकेट टीम के तीनों फॉर्मेट में खेलने वाले महत्वपूर्ण खिलाड़ी बन गए थे। उन्होंने भारत में ही नहीं बल्कि विश्वभर में अपने खेल के चलते काफी नाम कमाया है। इरफान पठान ने 29 टेस्ट में 100 विकेट, 120 वनडे में 173 विकेट और 24 टी20 मैचों में 28 विकेट अपने नाम किए हैं। लेकिन 2012 में जब वो चोटिल होकर बाहर हुए उसके बाद वो वापसी नहीं कर सके। जिसके बाद उनके फैंस का मानना है कि खिलाड़ी को मौका मिलना चाहिए था।

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