टेस्ट क्रिकेट की आड़ में साजिश! एजबस्टन टेस्ट जीतने के लिए अग्रेजों ने मैदान में बिछाया ‘धोखे का जाल’

 


IND vs ENG: टेस्ट क्रिकेट को ‘जेंटलमैन गेम’ कहा जाता है, लेकिन बर्मिंघम के एजबेस्टन मैदान पर भारत और इंग्लैंड (IND vs ENG) के बीच चल रहे टेस्ट मैच में इंग्लिश टीम ने मैच जीतने के लिए मैदान पर धोखे का जाल बिछा दिया। टॉस जीतकर गेंदबाज़ी का फैसला, ओवरकास्ट कंडीशन का हवाला, और फिर बाउंड्री रोप को अंदर खींच देना-क्या यह सब सिर्फ एक संयोग था या फिर इंग्लैंड की धोखेबाजी? आइए जानते हैं इस ‘धोखे के जाल’ की परतें…

भारत और इंग्लैंड (IND vs ENG) के बीच दूसरे टेस्ट मैच में इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स ने टॉस जीतते ही पहले गेंदबाज़ी करने का फैसला लिया। उन्होंने इसका कारण बताया – एजबेस्टन की ओवरकास्ट (बादलों से ढकी) स्थिति।

हालांकि, पिच पहले दिन ज्यादा हरकत नहीं दिखा पाई और विकेट गिरने की असली वजह बल्लेबाज़ों की चूक रही, न कि गेंदबाजों की जादुई गेंदें। यहां तक कि इंग्लैंड के गेंदबाज भी उम्मीद के मुताबिक स्विंग या बाउंस हासिल नहीं कर पाए।

बाउंड्री रोप को अंदर खींचा गया – रणनीति या चालाकी?

इसी बीच पूर्व इंग्लिश पेसर स्टीवन फिन ने बीबीसी पर बड़ा खुलासा किया। उन्होंने बताया कि बाउंड्री रोप सामान्य टेस्ट मैचों की तुलना में काफी अंदर कर दी गई है। उन्होंने यह भी कहा कि यह बदलाव स्पष्ट रूप से इंग्लैंड की रन चेज़ रणनीति का हिस्सा लगता है

टेस्ट क्रिकेट में घरेलू टीमें अक्सर पिच को अपने अनुकूल तैयार कराती हैं, लेकिन बाउंड्री की लंबाई कम करना अब तक की रणनीति में शायद सबसे बारीक और चालाक बदलाव है। कोई लिखित नियम नहीं है जो इसे रोकता हो, लेकिन खेल भावना के लिहाज से यह फैसला अब बहस के घेरे में है।

शुभमन की शतकीय पारी ने तोड़ा इंग्लिश प्लान

इंग्लैंड (IND vs ENG) के तमाम रणनीतिक बदलावों के बीच भारतीय कप्तान शुभमन गिल ने अपनी क्लास दिखाई। पहले दिन के खेल में उन्होंने इस दौरे का दूसरा शतक जड़ा और भारत ने दिन का खेल खत्म होने तक भारत ने 5 विकेट पर 310 रन बना लिए थे।

अब देखना यह होगा कि क्या इंग्लैंड की ‘मैदान से छेड़छाड़’ वाली रणनीति आखिरी पारी में उन्हें फायदा दिला पाएगी या नहीं। लेकिन एक बात तय है—एजबेस्टन टेस्ट सिर्फ क्रिकेट नहीं, रणनीति, चालबाज़ी और मानसिक खेल का अखाड़ा बन चुका है।

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