Champions Trophy: भारत और पाकिस्तान पिछले लगभग डेढ़ दशक से द्विपक्षीय सीरीज नहीं खेल रहे हैं। हालांकि, आईसीसी टूर्नामेंट्स और एशिया कप में दोनों देश एक दूसरे के साथ मुकनले खेल लेते हैं। मगर अब आगामी आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी (Champions Trophy) को लेकर बड़ा पेंच फंस गया है। पाकिस्तान में आयोजित होने वाले इस मेगा इवेंट के लिए भारत सरकार ने टीम इंडिया को भेजने से मना कर दिया है, जिसके बाद पड़ोसी देश को करोड़ों का नुकसान होने की संभावना है।
हायब्रिड मॉडल की पेशकश
बीसीसीआई और आईसीसी पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को टूर्नामेंट हायब्रिड मॉडल में आयोजित करवाने के लिए मना रहे हैं। मगर पीसीबी ने चैंपियंस ट्रॉफी (Champions Trophy 2025) के लिए भारी खर्चा कर कराची, लाहौर और रावलपिंडी के स्टेडियम अपग्रेड करवा रहा है। ऐसे में अगर यहां मैच नहीं खेले जाते हैं, तो मेजबानों को भारी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ सकता है। यही वजह है की पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड हायब्रिड मॉडल के सख्त खिलाफ है।
कोर्ट जाएगा PCB
इतना ही नहीं हाल ही में खबर आई थी कि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को अगर आर्थिक नुकसान होता है, तो वे इसकी भरपाई के लिए इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस जा सकता है। मगर अब खुद आईसीसी ने पीसीबी को हर्जाने के रुपए में मोटी रकम देने की पेशकश की है, लेकिन पड़ोसी देश इसे स्वीकार करने के लिए राजी नहीं है। वे हर हाल में चैंपियंस ट्रॉफी (Champions Trophy 2025) का आयोजन पाकिस्तान में कराना चाहते हैं।
आईसीसी को होगा नुकसान
अगर चैंपियंस ट्रॉफी 2025 (Champions Trophy 2025) का आयोजन बिना टीम इंडिया के पूरी तरह से पाकिस्तान में होता है, तो इससे आईसीसी को भारी नुकसान झेलना पड़ेगा। भारतीय ब्रॉडकास्टर से इंटरनेशनल क्रिकेट कॉउंसिल को सबसे अधिक कमाई होती है। ऐसे में अगर टीम इंडिया के मैच ही नहीं होंगे, तो आईसीसी को हजारों करोड़ डॉलर्स का नुकसान होगा, जो वर्ल्ड क्रिकेट के लिए भी बेहद नुकसानदेय साबित हो सकता है।
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