पहले सीजन में धमाल मचाने के बाद गुम हुआ आईपीएल का ‘वंडर बॉय’, जानिए क्यों क्रिकेट छोड़ने को हुआ मजबूर?

 


IPL 2024: इंडियन प्रीमियर लीग का 17वां सीजन (IPL 2024) खेला जा रहा है। अपने डेढ़ दशक से लम्बे इतिहास में इस रंगा रंग लीग ने कई खिलाड़ियों का उदय, तो कइयों का पतन देखा। इसी क्रम में आज हम आपको ऐसे ही एक ‘वंडर बॉय’ के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसने आईपीएल (IPL) के पहले ही सीजन में अपने धमाकेदार प्रदर्शन से सभी का ध्यान खिंचा, लेकिन अगले ही सीजन उसके साथ कुछ ऐसा हुआ कि उसने आईपीएल खेलने का सपना ही त्याग दिया। आइये जानते हैं कि कौन है ये खिलाड़ी और उसके साथ ऐसा क्या हुआ?

कौन है IPL का वंडर बॉय?

आईपीएल (IPL) के पहले सीजन यानि 2008 में राजस्थान रॉयल्स के लिए एक अनकैप्‍ड भारतीय खिलाड़ी को डेब्‍यू करने का मौका मिला। इस युवा खिलाड़ी ने पहले ही मैच में बता दिया कि वो लम्बी रेस का घोड़ा है। उन्होंने 34 गेंदों पर 60 रन ठोक कर प्लेयर ऑफ़ द मैच का अवार्ड अपने नाम किया। इस खिलाड़ी का नाम था स्वप्निल असनोदकर। उन्होंने सिर्फ पहले ही मैच में नहीं बल्कि पूरे सीजन शानदार खेल दिखाया और राजस्थान रॉयल्स को ख़िताब जीतने में अहम भूमिका निभाई।

पहले सीजन में दिखाया दमदार प्रदर्शन

स्वप्निल असनोदकर ने उस सीजन नौ मैच में 133.47 के स्‍ट्राइक रेट से 311 रन ठोके। इसके बाद से ही उन्हें ‘वंडर बॉय’ कहा जाने लगा। उनका भविष्य काफी उज्जवल नजर आ रहा था, लेकिन उनकी किस्मत तो कुछ और ही मंजूर था। आईपीएल (IPL) का अगला सीजन दक्षिण अफ्रीका में खेला गया। मगर वहां पहुंचते ही राजस्थान रॉयल्स का वंडर बॉय प्रैक्टिस के दौरान चोटिल हो गया।

इससे स्वप्निल का प्रदर्शन बुरी तरह प्रभावित हुआ है और वे 8 पारियों में केवल 98 रन बना सके। इसके बाद आईपीएल 2010 में उन्हें केवल 2 मैच और आईपीएल 2011 में केवल 1 मैच खेलने को मिला। इसके बाद राजस्थान ने उन्हें रिलीज़ कर दिया।

वासपी की कोशिश हुई नाकाम

राजस्थान रॉयल्स ने बाहर होने के बाद स्वप्निल असनोदकर को कोई भी खरीददार नहीं मिला। उन्होंने 2015 में घरेलू टी20 टूर्नामेंट सैयद मुश्‍ताक अली ट्रॉफी में शानदार प्रदर्शन दिखाया और वे टूर्नामेंट के दूसरे सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज रहे। मगर फिर भी उन पर किसी फ्रेंचाइजी ने दिलचप्सी नहीं दिखाई। इसके बाद स्वप्निल ने भी आईपीएल (IPL) में खेलने का सपना त्याग दिया। इसके बाद धीरे-धीरे वे डोमेस्टिक क्रिकेट से भी गम हो गए और आज वे कहां हैं किसी को नहीं पता।

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