5 वजह आखिर क्यों एमएस धोनी से नफरत करते हैं भारतीय फैंस, बोलते हैं भला-बुरा, तो कुछ देते हैं गाली

 


MS Dhoni: टीम इंडिया (Team India) के पूर्व कप्तान एमएस धोनी (MS Dhoni) को भारतीय क्रिकेट के सबसे सफल कप्तानों में से एक माना जाता है। उनकी कप्तानी में टीम ने 2011 में वर्ल्ड कप जीता था. उनके नाम तीन आईसीसी ट्रॉफी हैं. एक कप्तान के तौर पर उन्होंने भारतीय क्रिकेट को बुलंदियों पर पहुंचाया है और शायद यही वजह है कि आज भारत में उनकी फैन फॉलोइंग काफी ज्यादा है. लेकिन भारतीय क्रिकेट फैंस धोनी से नफरत भी करते हैं। आज हम आपको उन मुख्य कारणों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनकी वजह से फैंस धोनी से नफरत करते हैं।

1. सीनियर खिलाड़ियों का बहिष्कार

एमएस धोनी (MS Dhoni) ने साल 2007 में कप्तानी संभाली थी. उनकी कप्तानी में युवा खिलाड़ियों को खूब मौके दिए गए. लेकिन उस दौरान उन्होंने टीम के कुछ सीनियर खिलाड़ियों को टीम से बाहर भी कर दिया. वर्ल्ड कप 2011 के बाद गौतम गंभीर, जहीर खान, युवराज सिंह, हरभजन सिंह और वीरेंद्र सहवाग को टीम में वापस जगह नहीं मिली. फिटनेस समस्याओं के कारण सीनियर खिलाड़ियों को बाहर कर दिया गया।

2. बतौर कप्तान टेस्ट में विदेशी रिकॉर्ड

वर्ल्ड कप 2011 जीतने के बाद एमएस धोनी (MS Dhoni) को टेस्ट टीम की कप्तानी भी सौंपी गई. उन्होंने शुरुआती टेस्ट सीरीज में टीम की बहुत अच्छी कप्तानी की और घरेलू सीरीज में भी टीम को जीत दिलाई. इस बीच भारत टेस्ट रैंकिंग में भी पहले स्थान पर पहुंच गया. लेकिन 2011 के बाद भारत विदेश में कोई भी टेस्ट सीरीज जीतने में सफल नहीं रहा. ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड से 4-0 से शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा. इसके बाद टेस्ट टीम का कप्तान बदलने की चर्चा होने लगी. इसके बाद शोनी ने टेस्ट से संन्यास की घोषणा कर दी.

3. सीएसके के खिलाड़ियों को दिया मौका

भारतीय क्रिकेट फैंस का मानना है कि एमएस धोनी (MS Dhoni) ने अपनी कप्तानी में सीएसके के खिलाड़ियों को टीम में शामिल किया था. उनके खराब प्रदर्शन के बावजूद उन्हें टीम में मौका दिया गया. ये एक बड़ी वजह थी जिसकी वजह से फैंस उनसे नफरत करने लगे थे. उन्होंने आईपीएल में चेन्नई की टीम को पांच बार चैंपियन बनाया है.

4. खराब प्रदर्शन के बावजूद खिलाड़ियों को टीम में दिया मौका

एमएस धोनी (MS Dhoni) ने अपनी कप्तानी में टीम में कई खिलाड़ियों को मौके दिए. खराब फॉर्म के बावजूद वह उन खिलाड़ियों को टीम में मौके देते रहे. इसका सबसे बड़ा उदाहरण खुद रोहित शर्मा हैं. 2012-13 सीज़न के दौरान, उन्होंने रोहित को टीम में बहुत सपोर्ट दिया। खराब फॉर्म के बावजूद उन्होंने रोहित से ओपनिंग कराई. हालांकि इसके बाद रोहित ने शानदार वापसी की.

5. धोनी की फिनिशिंग क्षमता खत्म हो गई

एमएस धोनी (MS Dhoni) को क्रिकेट के सर्वश्रेष्ठ मैच फिनिशरों में से एक माना जाता है। ऐसा उन्होंने कई बार करके दिखाया है. लेकिन कई बार ऐसा भी हुआ जब टीम जीत की कगार पर थी और धोनी मैच खत्म नहीं कर पाए. क्रिकेट के आखिरी कुछ वर्षों में उनकी मैच फिनिश करने की क्षमता में काफी गिरावट आई थी। वर्ल्ड कप 2019 में भी धोनी सेमीफाइनल में मैच फिनिश नहीं कर पाए और टीम मैच हार गई.

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