'Byju's ने BCCI को लगाया 158 करोड़ का चूना, 'गरीबी में आटा गीला' वाली कहावत हुई सच

 


एडटेक फर्म बायजूस के लिए फिलहाल कुछ भी सही होता हुआ नहीं दिख रहा है। वो कहावत है ना कि 'गरीबी में आटा गीला', इस समय ये कहावत बायजूस पर बिल्कुल सटीक बैठती है। कंपनी के हालात इस समय कुछ ऐसे हैं कि मालिक को अपना घर बेचकर अपने कर्मचारियों की सैलरी देनी पड़ रही है और ऐसे में बायजूस के लिए एक और बुरी खबर आ चुकी है।

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने 4 दिसंबर को ये दावा किया कि बायजूस ने उनके 158 करोड़ रुपये की राशि अभी तक नहीं दी है और एक तरह से ठगी करने की कोशिश की है, नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल वेबसाइट पर दी गई जानकारी में कहा गया है, “सामान्य नोटिस BYJU के ईमेल दिनांक 06.01.2023 को जारी किया गया था और डिफ़ॉल्ट राशि 158 करोड़ रुपये थी। जैसा कि टीडीएस को छोड़कर दर्शाया गया है।”

एनसीएलटी ने मामले में जवाब दाखिल करने के लिए बायजू को दो सप्ताह का समय दिया है और उसके बाद बीसीसीआई को प्रत्युत्तर दाखिल करने के लिए एक और सप्ताह का समय दिया है। ये मामला आधिकारिक तौर पर 15 नवंबर को दर्ज किया गया था। बीसीसीआई और बायजूस की मूल कंपनी, थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड के बीच मामला, जिसकी आखिरी सुनवाई 28 नवंबर को होनी थी। अब दूसरी सुनवाई 22 दिसंबर के दिन होगी।

बायजूस की पहले बीसीसीआई, आईसीसी (इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल) और फीफा (फेडरेशन इंटरनेशनेल डी फुटबॉल एसोसिएशन) के साथ तीन महत्वपूर्ण ब्रांडिंग साझेदारियां थीं, जिनमें से सभी 2023 में नवीनीकरण के लिए थीं। हालांकि, कंपनी ने साल की शुरुआत में ये साफ कर दिया था कि वो ऐसा नहीं करेगी। ये अज्ञात है कि दायर मुकदमा इस मामले से संबंधित है या किसी अन्य मुद्दे से संबंधित है।

इस घटनाक्रम के अलावा बायजूस के लिए और भी नई मुसीबतें सामने आई हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने फेमा उल्लंघन मामले में एडटेक कंपनी थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड और बायजूस को कारण बताओ नोटिस भेजने की पुष्टि की है। नौकरी से निकाले गए कर्मचारियों के पूर्ण और अंतिम निपटान में देरी के लिए कंपनी एक बार फिर आलोचनाओं के घेरे में आ गई है। बेंगलुरु स्थित कंपनी ने पहले भुगतान की तारीख सितंबर से नवंबर कर दी थी।

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