भारतीय सरजमीं पर 12 साल बाद विश्व कप खेला जाने वाला है. इससे पहले साल 2011 में भारत में विश्व कप खेला गया था जहां भारत चैंपियन बनी थी. इस बार भी ज्यादातर क्रिकेट एक्सपर्ट्स भारतीय टीम को इस टूर्नामेंट में फेवरेट मान रहे हैं. लेकिन जमीन पर ऐसे कई कारण दिख रहे है जो भारत को विश्व कप का खिताब जीतने में आड़े आ सकते हैं.
ऐन मौके पर नए खिलाड़ियों को मौका क्यों
भारतीय टीम मैनेजमेंट की समस्या ही यही रही है कि जब भी कोई बड़ा टूर्नामेंट सामने आता है उस समय टीम मैनेजमेंट नए खिलाडियों को ट्राई करना शुरू कर देता है.
उदाहरण के लिए आप देखिए कि लम्बे समय से यह तय हो गया था कि सलामी बल्लेबाज के रूप मे रोहित शर्मा और शुभमन गिल इस बार विश्व कप में उतरेंगे. लेकिन वेस्टइंडीज के एकदिवसीय सीरीज में शुभमन और ईशान किशन को मौका दिया गया. गेंदबाजी में शामी-सिराज की जोड़ी तय है तो इस समय मुकेश कुमार और उमरान मलिक को मौका दिया जा रहा है.
इन अहम खिलाड़ियों को आराम क्यों
वेस्टइंडीज के खिलाफ अहम एकदिवसीय सीरीज में टीम के कप्तान रोहित शर्मा को आराम दिया गया है. वहीं टीम मैनेजमेंट ने विराट कोहली को भी आराम दे दिया. युजवेंद्र चहल को भी प्लेइंग इलेवन का हिस्सा नही बनाया गया.
मोहम्मद शमी और सिराज भी एकदिवसीय सीरीज का हिस्सा नही बन पाए. जहां कुछ टीमें बड़े टूर्नामेंट से पहले खिलाड़ियों के तैयारी के लिए लगातार इंटरनेशनल मैच खिलाते हैं वहीं भारतीय टीम उन्हें आराम दे रही है.
आखिरी समय पर कुछ खिलाड़ी शामिल करने से टीम पर पड़ेगा असर
जसप्रीत बुमराह को आयरलैंड दौरे पर कप्तान बनाया गया है. श्रेयस अय्यर और केएल राहुल को सीधे विश्व कप या एशिया कप में खिलाया जाएगा. मोहम्मद शमी भी विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के बाद सीधे एशिया कप खेलते नजर आयेंगे.
ऐसे में अगर आप किसी खिलाड़ी को सीधे किसी बड़े टूर्नामेंट में खिलाते हैं तो बहुत संभव है कि वह फ्लाॅफ भी हो जाए. कुछ प्रैक्टिस मैच बहुत ही जरूरी होता है.
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