दुनिया की सबसे पुरानी सीरीज : 140 साल पहले राख पर हुआ नामकरण

 


दुनिया की सबसे पुरानी टेस्ट सीरीज एशेज सीरीज इस बार इंग्लैंड में खेली जाएगी। पांच मैचों की सीरीज का पहला मैच बर्मिंघम में 16 जून को खेला जाएगा और पांचवां टेस्ट 27 जुलाई से 31 जुलाई तक चलेगा। इससे पहले आखिरी सीरीज 2021 में ऑस्ट्रेलिया में खेली गई थी जिसमें ऑस्ट्रेलिया ने 4 टेस्ट जीते और 1 मैच ड्रॉ रहा था। यह टूर्नामेंट का 73वां सीजन है। 140 साल पहले यह सीरीज शुरू हुई थी और राख के नाम पर इसे एशेज सीरीज का नाम दिया था। ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच इस सीरीज की शुरुआत 1882 में हुई थी। दुनिया का पहला टेस्ट मैच भी इन्हीं देशों के बीच 15 से 19 मार्च 1877 को मेलबर्न में खेला गया था। बाद में इसी सीरीज का नाम एशेज पड़ गया।

द एशेज नाम के पीछे का रोचक पहलू

1882 में ऑस्ट्रेलिया ने इंग्लैंड को उसी के घर में हराया था। तब लंदन से निकलने वाले अखबार द स्पोर्टिंग टाइम्स ने इंग्लिश क्रिकेट के मरने का शोक संदेश प्रकाशित कर दिया था। इसके बाद पूरी दुनिया में इसके चर्चे होने लगे। पत्रकार रेनिगाल्ड शिर्ले ब्रूक्स ने लिख दिया कि इंग्लैंड क्रिकेट की मौत हो चुकी है और बॉडी को दफना दिया गया है। बची हुई राख (एशेज) ऑस्ट्रेलियन अपने घर ले गए हैं। 4 महीने बाद दिसंबर 1882 में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर रवाना होने से पहले इंग्लैंड के तत्कालीन कप्तान इवो ब्लीग ने कहा कि अगस्त में ऑस्ट्रेलिया ले जाई गई राख को हम वापस लेने जा रहे है। उनके इस बयान के आधार पर टेस्ट सीरीज को एशेज कहा जाने लगा। तब इंग्लैंड टीम ऑस्ट्रेलिया गई और शानदार जीत दर्ज कर एशेज वापस लेकर आ गई। तब से यह सीरीज दोनों देशों के बीच नाक की लड़ाई बनी हुई है। कहा यह भी जाता है कि पहली एशेज सीरीज में मेलबर्न टेस्ट के बाद कुछ महिलाओं ने लकडिय़ों की गिल्लियों को जलाकर उसकी राख ट्रॉफी के अंदर रख दी थी। हालांकि इसके प्रमाण नहीं मिले हैं और आज तक यह पता नहीं चल पाया है कि वह राख किस चीज की है। हां, ओरिजिनल ट्रॉफी को ओवल मैदान के म्यूजियम में जरूर रखा गया है। जीतने वाली टीम को उसकी रेप्लिका ट्रॉफी ही दी जाती है। यह दुनिया की सबसे छोटी ट्रॉफी भी मानी जाती है।

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