लव मैरिज होने के कारण उन्हें अपने परिवार को मनाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी, लेकिन आखिर में उनकी मेहनत रंग लाई.
बचपन की दोस्त से हो गया था प्यार
दरअसल वीरेंद्र सहवाग (Virendra Sehwag) अपनी पत्नी आरती अहलावत से जब पहली बार मिले थे, तब वह केवल 7 साल की थी. आरती की बुआ की शादी सहवाग के कजिन से हुई थी. इस हिसाब से दोनों परिवार के रिश्ते में बंध गए.
आपको बता दें कि 17 साल की दोस्ती को प्यार में बदलने के लिए 14 साल लग गए थे, जब साल 2002 में वीरेंद्र सहवाग (Virendra Sehwag) ने मजाक में आरती से शादी के लिए कहा था, तब उन्होंने हां कर दी थी.
घर वालों को मनाने में बेलने पड़े पापड़
एक इंटरव्यू में बताया गया कि शादी के लिए वीरेंद्र सहवाग (Virendra Sehwag) और आरती दोनों तैयार थे, लेकिन परिवार वाले को मनाने में काफी वक्त लग गया.
दरअसल उनकी परिवार में कभी भी रिश्तेदारी में शादियां नहीं होती, इसलिए परिवार वाले तैयार नहीं थे. थोड़ा वक्त लगा मनाने में, लेकिन सब ठीक हो गया.
ऐसा नहीं था कि केवल घर के ही लोग इस रिश्ते के खिलाफ है. परिवार के अलावा अन्य कई लोग शादी से नाराज थे, लेकिन अप्रैल 2004 में परिवार वालों की रजामंदी से दोनों ने शादी की और आज शादी के 19 साल बाद दोनों के दो बेटे हैं, जिनका नाम आर्यवीर और वेदांत है.
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