क्रिकेट इतिहास के 5 महान क्रिकेटर्स जिन्हें नही मिली कभी कप्तानी की जिम्मेदारी


इंटरनेशनल क्रिकेट में कप्तान की भूमिका काफी अहम रहती है और हर खिलाड़ी ही अपने देश की टीम को लीड करने का सपना देखता होगा।

कई बार ऐसा होता है कि एक कप्तान के जाने के बाद टीमें अपने सबसे अनुभवी खिलाड़ी को टीम की कमान सौंपने के बारे में सोचती हैं, लेकिन कई दिग्गज ऐसे रहे हैं जिन्हें कप्तानी करने का मौका ही नहीं मिला है।

एक नजर ऐसे ही पांच महान क्रिकेटर्स पर।

1. जेम्स एंडरसन

जेम्स एंडरसन इंटरनेशनल क्रिकेट के सबसे महान तेज गेंदबाजों में से एक हैं। दिसंबर 2002 में अपना इंटरनेशनल डेब्यू करने वाले एंडरसन अब तक 151 टेस्ट, 194 वनडे और 19 टी-20 खेले हैं।

इंग्लैंड के लिए सबसे ज़्यादा विकेट लेने वाले एंडरसन टेस्ट में चौथे सबसे ज़्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं। अपनी टीम के लिए लगातार बेहतरीन प्रदर्शन करने के बावजूद एंडरसन को कभी कप्तानी की जिम्मेदारी नहीं मिली है।

2. मैथ्यू हेडन

इंटरनेशनल क्रिकेट में अक्सर देखा गया है कि टीम के बेहतरीन बल्लेबाजों को ही कप्तानी का मौका दिया जाता है, लेकिन पूर्व ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज मैथ्यू हेडन को यह मौका कभी नहीं मिला।

हेडन (14,825) इंटरनेशनल क्रिकेट में सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले ऑस्ट्रेलियाई ओपनर हैं। 1993 से 2009 के बीच 103 टेस्ट में 8,625 और 161 वनडे में 6,133 रन बनाने वाले हेडन ने टेस्ट में 30 और वनडे में 10 शतक लगाए हैं।

3. युवराज सिंह

युवराज सिंह ने 2000 से लेकर 2017 तक इंटरनेशनल क्रिकेट खेला और इस दौरान उन्होंने 40 टेस्ट, 304 वनडे और 58 टी-20 मैच खेले।

उन्होंने टेस्ट में 1,900, वनडे में 8,701 और टी-20 में 1,177 रन बनाए। युवराज ने वनडे में 111 विकेट भी लिए हैं। 2007 विश्वकप के बाद लीडरशिप रोल के लिए युवराज का नाम आगे था, लेकिन टी-20 विश्वकप के लिए एमएस धोनी को कप्तान बना दिया गया।

4. ग्लेन मैक्ग्राथ

124 टेस्ट में 563 और 250 वनडे में 381 विकेट लेने वाले ग्लेन मैक्ग्राथ 376 मैचों में सबसे ज़्यादा 949 इंटरनेशनल विकेट लेने वाले तेज गेंदबाज हैं।

1999, 2003 और 2007 में ऑस्ट्रेलिया को लगातार तीन विश्वकप जिताने में मैक्ग्राथ ने अहम भूमिका निभाई। हालांकि, तेज गेंदबाज के लिए इंटरनेशनल टीम को लीड करना बेहद मुश्किल होता है और शायद इसी कारण मैक्ग्राथ को कप्तान के तौर पर मौका नहीं मिला।

5. मुथैय्या मुरलीधरन

लगभग दो दशक के इंटरनेशनल करियर में पूर्व श्रीलंकाई ऑफ-स्पिनर मुथैय्या मुरलीधरन को कभी कप्तानी करने का मौका नहीं मिला।

मुरली ने टेस्ट (800) और वनडे (534) दोनों फॉर्मेट में सबसे ज़्यादा विकेट लिए हैं और वह सबसे ज़्यादा 1,347 इंटरनेशनल विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं। विश्व क्रिकेट के सबसे महान स्पिन गेंदबाज माने जाने वाले मुरली 1996 विश्वकप जीतने वाली श्रीलंकाई टीम का भी हिस्सा रहे थे।

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