ह्यूमन राइट्स वॉच (HRW) ने इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल से सामने एक बड़ी मांग की है, जिसने पूरे क्रिकेट जगत में सनसनी मचा दी है। इस संस्था ने अफगानिस्तान की राष्ट्रीय टीम को क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से बैन करने की आवाज उठाई है। आपको बता दें, कि यह टीम आईसीसीसी के सभी बड़े टूर्नामेंट में हिस्सा लेती है।
ह्यूमन राइट्स वॉच ने तालिबानी सरकार के महिला विरोधी फरमान के चलते आईसीसी से अफगानिस्तान की सदस्यता को निलंबित करने की मांग की है। कुछ सालों पहले ही अफगानिस्तान को आईसीसी ने फुल मेंबर स्टेटस दिया था।
HRW ने एक बयान में कहा कि, "यह अनुरोध तालिबान की महिला विरोधी प्रथाओं और नीतियों के बाद किया गया था। अफगानिस्तान का बैन तब तक कायम रहना चाहिए, जब तक कि अफगानी महिलाएं और लड़कियों को एक बार फिर से देश में शिक्षा और खेल में भाग लेने की अनुमति नहीं दी जाती।"
तालिबान ने अफगानिस्तान में महिलाओं पर लगा रखी है कई प्रकार की पाबंदी:
आपको बता दें कि इस समय अफगानिस्तान देश की सत्ता तालिबानी सरकार के हाथों में है और उन्होंने महिलाओं एवं लड़कियों पर कई प्रकार की पाबंदी लगा कर रखी हुई है। देश में किसी भी महिला और लड़की को विश्वविद्यालय जाने किसी एनजीओ में काम करने पर पाबंदी लगाई जा चुकी है। इतना ही नहीं उन्होंने किसी भी प्रकार के रोजगार पार्क में घूमने और जिम जाने तक के लिए मना कर दिया है। यदि कोई भी महिला या लड़की इस आदेश का उल्लंघन करते पकड़ी जाती है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्यवाही होगी। यहां तक की वह उन्हें मृत्युदंड भी दे सकते हैं।
हालांकि, तालिबानी सरकार के इस फैसले का विरोध अफगानिस्तान राष्ट्रीय टीम के कई चर्चित खिलाड़ियों ने किया था, जिसमें राशिद खान, मोहम्मद नबी गुलबदीन नायब और नवीन उल हक जैसे खिलाड़ियों के नाम शामिल हैं। इसके अलावा भी कई सारे पत्रकारों ने तालिबानी सरकार से यह पाबंदी हटाने की मांग करते हुए उनका विरोध जताया था।
क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने भी लिया था यह फैसला:
हाल ही में क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने तालिबानी सरकार के महिला विरोधी फैसले की वजह से अफगानिस्तान के खिलाफ मार्च में खेली जाने वाली वनडे सीरीज को रद्द करने का फैसला लिया था। उनके इस फैसले का ऑस्ट्रेलियाई सरकार से भी समर्थन मिला था। उन्होंने एक विज्ञप्ति जारी करते हुए तालिबानी सरकार का विरोध किया था और उनसे किसी भी प्रकार का ताल्लुक नहीं रखने की भी बात कही थी।
हालांकि, क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया द्वारा सीरीज रद्द करने की घोषणा पर मोहम्मद नबी, राशिद खान और नवीन उल हक जैसे चर्चित खिलाड़ियों ने बोर्ड का जमकर विरोध किया था। इतना ही नहीं, नवीन उल हक में तो बिग बैश लीग से अपना नाम भी वापस ले लिया। वह इस सीजन सिडनी सिक्सर्स टीम का हिस्सा थे।
गौरतलब हो कि, आईसीसी इस समय महिला क्रिकेट को काफी तेजी से बढ़ावा देने में लगा हुआ है। ऐसे में अफगानिस्तान जैसे पूर्ण सदस्य देश में महिलाओं पर खेलने की पाबंदी लगाना चिंता का विषय है। इससे पहले आईसीसी दक्षिण अफ्रीका पर रंगभेद की समस्या के चलते प्रतिबंध लगा चुका है। तो शायद वह दिन दूर नहीं है, जब अफगानिस्तान पर भी अनिश्चित काल के लिए प्रतिबंध लग सकता है।
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