BCCI Meeting: यो-यो टेस्ट और डेक्सा स्कैन के बिना टीम इंडिया में नही मिलेगी एंट्री, जानें इनके बारे में


BCCI Review Meeting, Dexa Test, Yo-Yo Test: टी20 विश्वकप 2022 में टीम इंडिया के खराब प्रदर्शन के बाद आज बीसीसीआई की रिव्यू मीटिंग हुई। बैठक में कई अहम और कड़े फैसले लिए गए। इस साल भारत में होने वाले वनडे विश्वकप की तैयारी में बीसीसीआई कोई कसर छोड़ना नहीं चाहता है। ऐसे में बोर्ड ने 20 खिलाड़ियों को शॉर्टलिस्ट भी किया है। इसके अलावा टीम इंडिया में चयन के लिए बीसीसीआई ने यो-यो टेस्ट के अलावा डेक्सा स्कैन अनिवार्य कर दिया है। तो आखिर ये डेक्सा स्कैन क्या है, इस खबर में जानते हैं। 

अभी सिर्फ ये टेस्ट था

अभी तक भारतीय टीम में चयन के लिए प्लेयर्स को सिर्फ यो-यो टेस्ट पास करना होता था। लेकिन आज हुई बैठक में डेक्सा स्कैन को भी जोड़ दिया गया है। बीसीसीआई की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में भी इस टेस्ट का जिक्र किया गया है। बोर्ड ने साफ कर दिया है कि प्लेयर्स के लिए अब यह दोनों टेस्ट अनिवार्य होंगे। इन्हें पास करने वाले खिलाड़ियों को ही सेंट्रल कॉन्ट्रेक्ट में जगह मिलेगी। 

क्या है डेक्सा स्कैन

डेक्‍सा एक इमेजिंग टेस्‍ट होता है जिसके तहत किस भी व्‍यक्ति की हड्डियों का घनत्‍व मापा जाता है। यानी बोन डेंसिटी टेस्ट को डेक्सा स्कैन कहा जाता है। आसान भाषा में अगर इसे समझें तो इसका मकसद हड्डी से उत्‍पन्‍न होने वाली ताकत से है। यह एक खास तरहा का एक्स रे होता है। डेक्‍सा स्‍कैन से यह रिजल्ट मिलता है कि हड्डी में फ्रेक्‍चर आने की संभावना कितनी है।

इससे साथ ही बॉडी की संरचना को समझने में भी मदद मिलती है। कुल मिलाकर एक खिलाड़ी के शरीर के अंदर फैट और मांसपेशियों के बारे में डेक्स स्कैन से डिटेल जानकारी मिल जाती है। खिलाड़ियों पर अधिक ध्यान देने के उद्देश्य से बीसीसीआई ने इस टेस्ट को अनिवार्य करने का फैसला लिया है। इससे स्कैन से 10 मिनट में पता लगाया जा सकता है कि प्लेयर कितना फिट है। 

क्या है यो-यो टेस्ट

वहीं अगर बात की जाए यो-यो टेस्ट की तो इसमें कुल 23 लेवल होते हैं। क्रिकेटर्स के लिए 5वें लेवल से इसकी शुरुआत हो जाती है। 20 मीटर की दूरी पर कोन रखें जाते हैं और प्रत्येक प्लेयर को 20 मीटर कोन तक जाना और 20 लौटना होता है। ऐसे में खिलाड़ी को 40 मीटर की दूरी एक निश्चित समय में पूरी करनी होती है। जैसे-जैसे लेवल बढ़ते हैं इस दूरी को पूरा करने का समय घटता जाता है। यह पूरा काम सॉफ्टवेयर पर होता है और इसके आधार पर ही स्कोर निर्धारित किया जाता है। BCCI ने यो-यो टेस्ट पास करने का स्कोर 16.1 रखा है।

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