
महेंद्र सिंह धोनी: क्रिकेट के मैदान से राजनीति का सफर तय करने वाले बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष शरद पवार आज अपना 82 वां जन्मदिन मना रहे हैं। शरद साल 2005 से लेकर सन 2008 तक बीसीसीआई के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। बतौर अध्यक्ष शरद पवार ने कई बड़े-बड़े फैसले लिए हैं, जिनमें से एक सचिन तेंदुलकर की जगह धोनी को कप्तान बनाने का फैसला भी शामिल है।
दरअसल शरद 2007 में सचिन तेंदुलकर को टीम का कप्तान बनाना चाहते थे, लेकिन उन्होंने धोनी को कप्तान बनाकर सबको हैरान कर दिया।
सचिन को कप्तान बनाना चाहते थे शरद
दरअसल शरद पवार ने खुद इस बात का खुलासा करते हुए बताया था कि
‘‘मुझे याद है कि भारत 2007 में इंग्लैंड गया था। उस समय राहुल द्रविड़ कप्तान थे। मैं तब इंग्लैंड में था और द्रविड़ मुझसे मिलने आए थे। उन्होंने मुझे बताया कि कैसे वे अब भारत का नेतृत्व नहीं करना चाहते थे। द्रविड़ ने कहा कि कप्तानी उनकी बल्लेबाजी को प्रभावित कर रही है। उन्होंने मुझसे कहा कि उन्हें कप्तानी से राहत मिलनी चाहिए। मैंने तब सचिन तेंदुलकर को कप्तान बनने के लिए कहा, लेकिन उन्होंने इससे इनकार कर दिया।’’
सचिन ने दिया था धोनी के नाम का सुझाव
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए शरद पवार ने इस बात का खुलासा कर बताया कि
‘‘मैंने सचिन से कहा कि अगर आप और द्रविड़ दोनों टीम का नेतृत्व नहीं करना चाहते हैं तो फिर देश (की टीम) का नेतृत्व कौन करेगा? तब सचिन ने मुझसे कहा कि हमारे पास देश में एक और खिलाड़ी है जो टीम का नेतृत्व कर सकता है और उसका नाम कोई और नहीं बल्कि एमएस धोनी है। उसके बाद हमने धोनी को नेतृत्व सौंप दिया।’’
इस वजह से कप्तान नहीं बनना चाहते थे सचिन
बता दें तेंदुलकर ने साल 1996 से लेकर 2000 तक भारतीय टीम की कमान संभाली है। लेकिन जब उनके खुद के बल्लेबाजी पर इसका असर दिखने लगा तो उन्होंने भी कप्तानी छोड़ने का फैसला किया। तेंदुलकर ने अपनी कप्तानी के दौरान भारत के लिए 73 वनडे मैचों में भाग लिया। जिसमें से 23 मुकाबलों में ही भारत को जीत नसीब हुई। वहीं टीम इंडिया ने 25 टेस्ट मुकाबले खेले जिसमें भारत को सिर्फ 4 मैचों में ही जीत हासिल हुई।
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