आखिरकार खुल गया राज इस वजह से संजू सैमसन को बाहर कर चयनकर्ता हमेशा ऋषभ पंत को देते हैं मौका


भारतीय प्लेइंग इलेवन में एक पोस्ट है जिस पर आजकल खूब विवाद चल रहा है. वह पोस्ट है विकेटकीपर बल्लेबाज का. जब तक टीम में महेंद्र सिंह धोनी थे इस पर कोई विवाद ही नही था, लेकिन जब से धोनी ने इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लिया है तबसे यह कन्फर्म नही हो पाया है कि भारत का अगला विकेटकीपर बल्लेबाज कौन होगा. इस वक्त यह विवाद का बहस बन गया कि विकेटकीपर बल्लेबाज के रूप में टीम में किसको जगह दी जाए.

पंत और सैमसन हैं दावेदार

धोनी के जाने के बाद विकेटकीपर बल्लेबाज के रूप में दो बल्लेबाजों ने अपनी दावेदारी प्रस्तुत की. जहाँ एक तरफ वर्तमान दिल्ली कैपिटल्स के कप्तान ऋषभ पंत थे वही दूसरी तरफ राजस्थान रॉयल्स के कप्तान संजू सैमसन थे. अब देखा यह गया है कि इन दोनों में ज्यादा मौका ऋषभ पंत को मिला है. यह मौका क्यों मिल रहा है इसकी बात आज हम इस लेख में करेंगे.

पंत को क्यों ज्यादा मौके मिले

ऋषभ पंत को ज्यादा मौका इसलिए दिया जाता है क्योंकि वह लेफ्ट हेंड के बल्लेबाज हैं. भारत के टीम में रोहित शर्मा, केएल राहुल, विराट कोहली और सुर्याकुमार यादव सभी राइट हेंड के बल्लेबाज हैं. ऐसे में एक लेफ्ट हेंड का बल्लेबाज टीम में बहुत ही जरूरी है. दूसरा कारण यह है कि ऋषभ पंत का डेब्यू संजू सैमसन से ज्यादा बेहतर हुआ था.

संजू सैमसन का डेब्यू 2015 में हुआ था और वह अपनी शुरूआती मैचों में बेहतर प्रदर्शन नही कर पाए थे. वहीं ऋषभ पंत ने ऑस्ट्रेलिया टेस्ट सीरीज में कमाल का प्रदर्शन करके चयनकर्ताओं के पसंदीदा विकेटकीपर बल्लेबाज बन गए थे.

कैसा रहा है दोनों का प्रदर्शन

ऋषभ पंत ने भारत के लिए अबतक 31 टेस्ट मैचों में 2123 रन बनाए हैं, जिसमें उनका स्ट्राइक रेट 72.65 रहा है. एकदिवसीय मैचों की बात करे तो पंत ने 29 वनडे मैचों में 855 रन बनाए हैं, जिसमें उनका स्ट्राइक रेट 107.54 रहा है. 66 टी20 मैचों में पंत 987 रन हैं, जिसमें उनका स्ट्राइक रेट 126 के करीब रहा है.

अगर हम बात करें सैमसन की तो संजू सैमसन ने भारत के लिए 11 वनडे मैचों में 330 रन बनाए. वहीं उन्होंने 16 टी20 मैचों में 296 रन बनाए हैं. लेकिन मौके पर इस समय पंत ख़राब फाॅर्म में चल रहे है और सैमसन का फाॅर्म बढ़िया है.

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