आज इन 3 दिग्गजों को मिलेगा ICC Hall of Fame सम्मान, एक महिला क्रिकेटर भी शामिल


आईसीसी यानी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद ने तीन और खिलाड़ियों को आईसीसी हाॅल ऑफ फेम (ICC Hall of Fame) में जगह दी है. यह तीन खिलाड़ी हैं, वेस्टइंडीज के दिग्गज बल्लेबाज शिवनारायण चंद्रपाल, पाकिस्तान के स्पिन विजार्ड अब्दुल कादिर और इंग्लैंड की महान महिला क्रिकेटर चार्लोट एडवर्ड्स. आइए इस लेख में इन तीन खिलाड़ियों के कैरियर पर एक नजर डालते हैं.

शिवनारायण चंद्रपाल

शिवनारायण चंद्रपाल वेस्टइंडीज महान बल्लेबाज रहे हैं. उन्होंने वेस्टइंडीज के लिए 164 टेस्ट खेले हैं, जिसमें उन्होंने 51.4 की औसत से 11867 रन बनाए हैं. शिवनारायण चंद्रपाल ने सिर्फ टेस्ट क्रिकेट मे ही नही बल्कि एकदिवसीय क्रिकेट में भी अपना लोहा मनवाया है.

चंद्रपाल ने वेस्टइंडीज के लिए 268 एकदिवसीय मैच खेला है, जिसमें उन्होंने 8778 रन बनाया है. इस दौरान उनकी औसत 41.6 की रही है. शिवनारायण चंद्रपाल वेस्टइंडीज के तरफ से ब्रायन लारा और विवियन रिचर्ड्स के बाद सबसे महान बल्लेबाजों में गिने जाते हैं.

आईसीसी हाल ऑफ फेम (ICC Hall of Fame) में नाम आने के बाद चंद्रपाल ने कहा है कि, ‘मैं इस पल का अपने परिवार, दोस्तों और सबसे महत्वपूर्ण वेस्टइंडीज और दुनिया भर के प्रशंसकों के साथ आनंद लेना चाहता हूं.’

चार्लोट एडवर्ड्स

चार्लोट एडवर्ड्स इंग्लैंड की महान खिलाड़ी हैं. उन्होंने दो दशक तक चले अपने करियर में 2009 के साल में महिला वनडे विश्वकप और उसी वर्ष टी20 विश्वकप का खिताब जीता था. उन्होंने 2016 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया था. वहीं संन्यास के वक्त सबसे ज्यादा रन स्कोरर थी.

एडवर्ड्स ने कहा कि, ‘मैंने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर में हर पल का आनंद लिया और आईसीसी हाल ऑफ फेम में शामिल होने से मैं बहुत खुश हूं.’

अब्दुल कादिर

अब्दुल कादिर स्पिन के जादूगर कहे जाते थे. तीन साल पहले उनका देहांत हुआ था. उन्होंने पाकिस्तान के लिए टेस्ट में 236 और एकदिवसीय क्रिकेट में 132 विकेट अपने नाम किए थे.

अब्दुल कादिर के बेटे उस्मान कादिर ने अपने पिता के इस सम्मान (ICC Hall of Fame) पर कहा है कि,‘परिवार की ओर से, मैं अपने पिता को हॉल ऑफ फेम में शामिल करने के लिए नामित करने के लिए आईसीसी को बहुत-बहुत धन्यवाद कहना चाहता हूं, इस खबर को सुनना परिवार के लिए एक बहुत बड़ा सम्मान है, हम इसे एक बड़ी उपलब्धि के रूप में देखते हैं, और मेरे पिता को बहुत गर्व होता अगर वह आज भी हमारे साथ होते.’

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