भारतीय बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा (Chesteshwar Pujara) मौजूदा समय में भारत के टेस्ट स्पेशलिस्ट के तौर पर जाने जाते हैं। लेकिन पिछले कुछ दिनों में उन्होंने लिमिटेड ओवर क्रिकेट में ऐसी फॉर्म दिखाई है की उनके प्रति लोगो का ख्याल बदलने लगा है।
क्या पुजारा ने पकड़ ली है दिनेश कार्तिक की राह?
शायद ही किसी ने इस साल की शुरुआत में सोचा होगा कि दिनेश कार्तिक टी20 वर्ल्ड कप की टीम में जगह बना पाएंगे। लेकिन ऐसा हुआ और ऐसा करने में दिनेश कार्तिक ने लाजवाब प्रदर्शन किया जिसे नजरंदाज कर पाना भारतीय सेलेक्टर्स के लिए नामुमकिन था।
अब ऐसा ही कुछ शायद आने वाले दिनों में चेतेश्वर पुजारा के लिए देखने को मिल जाए। पुजारा ने हाल ही में रॉयल लंदन वनडे कप में इस बल्लेबाज ने शानदार बल्लेबाजी की। उन्होंने कुल 9 मुकाबलों में लगभग 90 के औसत और 112 के स्ट्राइक रेट से 624 रन बनाए हैं।
यही नहीं उन्होंने इस टूर्नामेंट में 3 शतक और 2 अर्धशतक भी जड़े। उन्होंने इस टूर्नामेंट में 107, 174, 49*, 66 और 132 रन की आक्रामक पारियां खेली है। तमाम लोगों को उम्मीद है कि जिस तरीके का प्रदर्शन पुजारा ने रॉयल लंदन वनडे कप में किया है उसको देखते हुए उनकी वनडे टीम में वापसी हो सकती है।
CSK के साथ रह कर बदला अपना गेम
पुजारा के अपने बदले हुए खेल के पीछे चेन्नई सुपर किंग्स का बहुत बड़ा हाथ है। पुजारा को चेन्नई सुपर किंग्स ने अपनी टीम में शामिल तो किया लेकिन उन्हें एक भी मुकाबला खेलने का मौका नहीं मिला।
इसी के साथ टी-20 प्रारूप को लेकर चेतेश्वर पुजारा ने अपना बयान दिया है। पुजारा ने ‘द क्रिकेट पॉडकास्ट’ पर कहा, “यह निश्चित रूप से मेरे खेल का एक अलग पक्ष है। इसमें कोई शक नहीं है। पिचें अच्छी थीं, थोड़ी सपाट थीं लेकिन उन सतहों पर भी, आपको हाई स्ट्राइक-रेट पर स्कोर करने का इरादा रखना चाहिए। यह कुछ ऐसा है जिस पर मैंने हमेशा काम किया है। मैं आखिरी से एक साल पहले सीएसके का हिस्सा था और जब मैंने कोई गेम नहीं खेला और लोगों को तैयारी करते देखा, तो मैंने खुद से कहा कि क्या वाकई में मुझे छोटा प्रारूप खेलना है या नहीं। आप इस खेल में अपने शॉट्स खेलना चाहते हैं।”
भारत के टेस्ट विशेषज्ञ रहे पुजारा ने पांच एकदिवसीय मैच ही खेले हैं, जिनमें से आखिरी 2014 में आया था। पुजारा ने आगे बात करते हुए कहा, “मैंने रॉयल लंदन वन-डे कप से पहले इस पर काम किया था। मैं ग्रांट के साथ गया था और उनसे बात की थी कि कुछ शॉट्स हैं जिन पर मैं काम करना चाहता हूं। जब हम ट्रेनिंग ले रहे थे, तो उन्होंने मुझसे कहा कि मैं उन्हें वास्तव में अच्छी तरह से खेल रहा हूं और इस बात ने मुझे आत्मविश्वास दिया। मैंने सोचा कि अगर मैं कुछ बड़े शॉट्स पर काम कर सकता हूं तो वे मेरी मदद कर सकते हैं और मैं उन पर अमल करके छोटे फॉर्मेट में भी सफल हो सकता हूं।”
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