अजिंक्य रहाणे ने पेश की मिसाल, स्लेजिंग कर रहे अपनी ही टीम के खिलाड़ी को भेजा मैदान के बाहर, गुस्से से हुए लाल

भारतीय टेस्ट क्रिकेट टीम (Team India) के कप्तान रह चुके अजिंक्य रहाणे (Ajinkya Rahane) मैदान पर काफी शांत स्वभाव के माने जाते हैं। जल्दी उन्हें गुस्सा होते या अपना आपा खोते नही देखा गया है, लेकिन दिलीप ट्रॉफी फाइनल में खेले गए पांचवें और आखिरी दिन यानी रविवार को अजिंक्य रहाणे ने अपनी ही टीम के एक युवा खिलाड़ी पर नाराज़गी जाहिर की।

खिलाड़ी की मैदान पर की गई बदतमीजी के लिए उसे तुरंत ही सजा देकर ग्राउंड से बाहर निकाल दिया। कभी गुस्सा ना करने वाले अजिंक्य रहाणे ने इस तरह नाराजगी जाहिर करके काफी तरीफे बटोरी।

अपनी ही टीम के खिलाड़ी को किया बाहर

दिलीप ट्राफी फाइनल में वेस्ट जोन के कप्तान अजिंक्य रहाणे (Ajinkya Rahane) ने साउथ जोन के खिलाफ पांचवे और आखिरी दिन खेले मैच में अपने खिलाड़ी के गलत व्यवहार और अनुशासनहीनता दिखाने पर मैदान से बाहर किया। वो खिलाड़ी और कोई नहीं युवा खिलाड़ी यशस्वी जायसवाल थे। जिनको बाहर करके अजिंक्य रहाणे में एक अच्छी मिसाल पेश की।

बता दें, यशस्वी जायसवाल ने वेस्ट जोन की दूसरी पारी में दोहरा शतक जड़कर टीम की जीत में अहम भूमिका निभाई थी।

कप्तान रहाणे को आया काफी गुस्सा

दिलीप ट्राफी के फाइनल में वेस्ट जोन और साउथ जोन के बीच हुए फाइनल में जब साउथ जोन 529 रनों के विशाल लक्ष्य के सामने अपनी पारी आगे बढ़ा रही थी, इस समय 20 साल के खिलाड़ी ने साउथ जोन के बल्लेबाज रवि तेजा के साथ गलत व्यवहार किया। जिसके बाद वेस्ट जोन के कप्तान अजिंक्य रहाणे ने उन्हें मैदान से बाहर जाने के लिए कह दिया। यशस्वी जायसवाल बल्लेबाज के करीब फील्डिंग कर रहे थे और रवि तेजा ने उनकी शिकायत भी की थी।

अजिंक्य रहाणे एक अनुशासनप्रिय खिलाड़ी हैं। ऑस्ट्रेलिया सीरीज में भी तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज पर हुई नस्लीय टिप्पणियों के समय भी अजिंक्य रहाणे ने मैदान में उलझने के बजाय मैच रेफरी से इसकी शिकायत कर मामले का निपटारा किया था।

अब यशस्वी जायसवाल विवाद पर उन्होंने कहा “मैं हमेशा अपने विरोधी, अंपायर और मैच अधिकारियों का सम्मान करने में विश्वास करता हूं। इसलिए आपको कुछ घटनाओं से निश्चित तरीके से निपटना होता है”।

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