अच्छे में सब साथ थे, बुरे वक्त में सिर्फ वो खड़ी थी.. इस दिग्गज के लिए भावुक हो गईं भारतीय कप्तान हरमनप्रीत कौर

लॉर्ड्स के मैदान पर शनिवार यानी 24 सितंबर को किकेट के एक युग का अंत हो गया। अनुभवी तेज गेंदबाज झूलन गोस्वामी ने लॉर्ड्स के मैदान पर इंग्लैंड के खिलाफ अपना आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच खेला। इंग्लैंड के खिलाफ ही चेन्नई में छह जनवरी 2002 को जीत के साथ अंतरराष्ट्रीय पदार्पण करने वाली झूलन गोस्वामी ने अपने कैरियर का आखिरी मैच खेला।

करीब दो दशक बाद क्रिकेट को कहा अलविदा

करीब दो दशकों तक भारतीय महिला क्रिकेट के लिए अपना योगदान देने वाली गोस्वामी ने आखिरकार अपने कैरियर को अलविदा कहा। इस बीच कप्तान हरमनप्रीत कौर ने झूलन गोस्वामी की विशेष तारीफ की और यह भी खुलासा किया कि महान क्रिकेटर ने उनके कठिन समय के दौरान उनका साथ दिया था। उन्होंने मैच के बाद कहा,“जब मैंने डेब्यू किया, तो वह टीम की कप्तान थीं। मेरे सबसे अच्छे समय में, कई लोग मेरे साथ थे, लेकिन मेरे मुश्किल दौर में भी अगर किसी ने सपोर्ट किया तो वह झूलन हैं। वह सिर्फ एक कॉल दूर हैं। मैं उन्हें धन्यवाद देना चाहती हूं। बताना चाहती हूं कि वह हमेशा हमारे साथ हैं। वह एक जानी-मानी शख्सियत हैं। वह हमेशा मेरा मार्गदर्शन करती थीं।”

शानदार रिकॉर्ड के साथ हुआ एक युग का अंत

झूलन गोस्वामी ने महिला वनडे फॉर्मेट में सबसे ज्यादा गेंद (9945) फेंकी है। गोस्वामी चकदा एक्सप्रेस के नाम से काफी मशहूर हुई है। उन्होंने अपने करियर में 204 वनडे और 68 टी20 इंटरनेशनल मैचों के अलावा 12 टेस्ट भी खेले हैं। 

उनके नाम वनडे में रिकॉर्ड 255 और टेस्ट में 44 विकेट हैं। टी20 अंतरराष्ट्रीय फॉर्मेट में उन्होंने 56 विकेट लिए हैं। इसके अलावा उन्होंने टेस्ट में दो जबकि वनडे में एक बार अर्धशतक भी लगाया है। 

साथ ही, भारत ने शनिवार को लॉर्ड्स में कम स्कोर वाले रोमांचक तीसरे और अंतिम एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में इंग्लैंड को 16 रन से हराकर पहली बार मेजबान टीम का उसकी सरजमीं पर सूपड़ा साफ किया।

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