एशिया कप में खुल गयी भारतीय बल्लेबाजों की कलई, टी20 वर्ल्ड कप से पहले भारत की ताकत बन गयी सबसे बड़ी कमजोरी


T20 Cricket फॉर्मेट में टीम के कप्तान रोहित शर्मा, उप कप्तान केएल राहुल और पूर्व कप्तान विराट कोहली एक बोझ बनते जा रहे हैं। इसका प्रत्यक्ष प्रमाण एशिया कप के 2 मैचों के दौरान धीमी बल्लेबाजी है। टी20 क्रिकेट को भारतीय टीम द्वारा एक नए तरीके से खेलने की बात की गई थी, लेकिन सीनियर खिलाड़ी अभी तक इस पैमाने पर खरे नहीं उतरे है।

जब टीम इंडिया को रोहित शर्मा और राहुल द्रविड़ की जोड़ी द्वारा टेक-ओवर किया गया, और मिशन टी20 वर्ल्ड कप की शुरुआत की गई, तब फैंस के सामने उनके द्वारा एक नया शब्द रखा गया था और वह था इंटेट का। उन्होंने कहा कि हम अग्रेसिव इंटेट से खेलेंगे, क्योंकि हम टी20 क्रिकेट के खेलने के तरीके में बदलाव लाना चाहते हैं। इसलिए हम बिल्कुल भी नहीं डरेंगे।

भारत एशिया कप के दौरान अभी तक दो मैच खेल चुका है, जिसमें उसे दोनों में ही कामयाबी हासिल हुई। लेकिन जिस इंटेट की बात की गई थी, वह कहीं नजर नहीं आया। इसमें सबसे बड़ी बात यह है कि इस मिशन में फेल होने वाली टीम इंडिया के सीनियर बल्लेबाज ही नाकाम साबित हुए हैं। जिसमें स्वयं कप्तान रोहित शर्मा, उप कप्तान केएल राहुल और पूर्व कप्तान विराट कोहली के नाम शामिल है।

खुल गई हॉन्गकॉन्ग के खिलाफ पोल

एशिया कप के दौरान बुधवार को भारत का मुकाबला हॉन्गकॉन्ग के साथ हुआ था। उम्मीद जताई जा रही थी, कि एशिया कप में बल्लेबाज खुलकर खेलते नजर आएंगे, ताकि दोबारा फॉर्म में वापस आ सकें। लेकिन इसके बिल्कुल विपरीत ही हुआ। कप्तान रोहित शर्मा अपनी 13 बॉलों के दौरान मात्र 21 रन ही बना सके। इसके साथ ही कुछ हद तक तेजी से खेलें भी, लेकिन वह बड़ी पारी खेलने में नाकाम रहे, जिसके चलते वह अपना विकेट गंवा बैठे।

सबसे बड़े विलेन का काम यहां केएल राहुल ने किया, जिनके द्वारा 39 गेंदों में मात्र 36 रन ही बनाए जा सके। जब तक वह क्रीज पर टिके रहे, तब तक ऐसा लग रहा था कि जैसे उन्हें खेलने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ रहा है। पूरी पारी के दौरान मात्र एक बार ही वह अपनी आक्रामकता दिखा सके। वह भी उस समय जब उन्हें फ्री- हिट मिल सकी, और उनके द्वारा छक्का भी लगाया गया। पाकिस्तान के खिलाफ केएल राहुल पहली ही बॉल पर आउट हो गए थे, जहां उनके द्वारा धीमी बल्लेबाजी भी की गई थी।

KL Rahul बने टीम इंडिया की कमजोरी

एक पारी के दौरान ही केएल राहुल के साथ ऐसा नहीं हुआ है, बल्कि उनके स्ट्राइक रेट को लेकर कई बार सवाल खड़े किए जा चुके हैं, और हर बार बस यही कहा जाता है कि कभी-कभी राहुल टीम के लिए नहीं बल्कि खुद के लिए रन बनाते हैं। आईपीएल के दौरान केएल राहुल भले ही ऑरेंज कैप होल्डर रेस में शामिल रहे हों। लेकिन स्ट्राइक रेट हमेशा सवालों के घेरे में ही होता है।

टी20 इंटरनेशनल के दौरान पिछली पांच पारियों में केएल राहुल का स्ट्राइक रेट 150 या उससे कम ही रहा है। हांगकांग के खिलाफ उनके द्वारा 92 के स्ट्राइक रेट से बैटिंग की गई वहीं‌ न्यूजीलैंड के खिलाफ भी वह अपनी 49 बॉलों में मात्र 65 रन ही बना सके। पिछली बार उनकी तूफानी पारी टी-20 वर्ल्डकप 2021 नजर आई थीं, जहां स्कॉटलैंड के खिलाफ 19 गेंदों में वह 50 रन बनाने में कामयाब रहे।

वही दूसरी तरफ अगर पूर्व कप्तान विराट कोहली की बात की जाए तो वह पहले से ही बहुत बुरे दौर से गुजर रहे हैं। लंबे ब्रेक के बाद उनकी टीम में वापसी हो सकी है। विराट ने हांगकांग के खिलाफ फिफ्टी जड़ी थी, लेकिन उनकी जड़ी गई यह फिफ्टी टी-20 वाली नहीं, बल्कि वनडे की तरह ही साबित हुई। अपनी 44 गेंदों के दौरान विराट मात्र 59 रनों की पारी ही खेल सके। इस दौरान उनका स्ट्राइक रेट 140 से भी कम रहा। पाकिस्तान के खिलाफ भी विराट कोहली 34 गेंदों में मात्र 35 रन ही बना सके।

सीनियर प्लेयर बन रहे हैं टीम पर बोझ

सीनियर खिलाड़ियों का खेल के दौरान ऐसा प्रदर्शन देखने के बाद प्रश्न उठता है, कि टी20 टीम में अगर टॉप 3 द्वारा ही धीमी बल्लेबाजी की जाएगी, या सिर्फ एंकर रोल ही निभाया जाएगा तो फिर टीम बड़ा स्कोर कैसे बना पाएगी।

ऐसी स्थिति में हर बार दबाव मिडिल ऑर्डर पर ही पड़ेगा जिसके चलते अगर वह कभी फेल हुआ भी तो टीम इंडिया की बल्लेबाजी को पूरी तरह फ्लॉप साबित किया जा सकता है।

कुछ ऐसी ही सिचुएशन हॉन्ग कॉन्ग के दौरान भी रही। जब तक केएल राहुल, विराट कोहली और रोहित शर्मा हांगकांग के खिलाफ क्रीज पर मौजूद थे, तब तक भारत की बल्लेबाजी काफी धीमी रही। 13 ओवरों में उनका स्कोर सिर्फ 90 के करीब ही पहुंच सका। लेकिन अंतिम क्षणों में सूर्यकुमार यादव द्वारा आकर ऐसी तूफानी पारी खेली गई, कि आखिरी के 7 ओवरों के दौरान ही सूर्य कुमार ने पूरा गेम ही पलट कर रख दिया।

हाल ही में जब टीम के सीनियर्स को कुछ क्षणों के लिए आराम दिया गया था, उस समय आयरलैंड के खिलाफ ईशान किशन, ऋतुराज गायकवाड, और दीपक हुड्डा जैसे खिलाड़ियों द्वारा टॉप -3 का जिम्मा संभाला जा रहा था, जहां उनकी बल्लेबाजी के दौरान टी-20 वाली झलक देखी गई। जिसमें वह बेखौफ बल्लेबाजी करते नजर आए। जिस इंटेट की बात राहुल द्रविड़ और रोहित शर्मा द्वारा की जाती है यह वही खेल था।

टी20 वर्ल्ड कप के सिर्फ 2 महीने ही शेष रह गए हैं। अब ऐसी स्थिति में मौजूदा प्लेइंग इलेवन में किसी भी प्रकार का बड़ा बदलाव होना मुश्किल नजर आता है। ऐसी सिचुएशन में केएल, राहुल रोहित शर्मा और विराट को ही अपने खेल पर पूरी तरह से आत्मचिंतन करना होगा, नहीं तो ऑस्ट्रेलिया में तेज पिच और बड़े ग्राउंड पर होने वाले टी-20 वर्ल्ड कप के दौरान भारतीय टीम के ऊपर खतरा आ सकता है।

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