बर्मिंघम में खेले जा रहे कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 के पहले सेमीफाइनल में मुकाबला इंग्लैंड और भारतीय क्रिकेट टीम के बीच था। जिसमें टीम इंडिया ने रोमांचक मैच में 4 रन से जीत दर्ज करके फाइनल में आपकी जगह बना ली है। साथ ही राष्ट्रमंडल खेलों में एक पदक भी पक्का कर लिया हैं। अब फाइनल मैच रविवार को एजबेस्टन में खेला जाएगा। लेकिन इस सेमीफाइनल में टीम इंडिया की एक बड़ी गलती टीम को भारी पड़ सकती थी। जिसका खामियाजा टीम को भुगतना पड़ सकता था साथ ही साथ टीम के हाथ से मैच भी फिसल सकता था।
स्लो ओवर के तहत लगाई गई ये पेनल्टी
भारत ओर इंग्लैंड के साथ सेमीफाइनल मुकाबले में स्लो ओवर रेट के तहत पेनल्टी लगाई गई। भारतीय महिला क्रिकेट टीम तय किए गए समय में 20वें ओवर की पहली गेंद फेक पाने में असमर्थ रही। भारतीय टीम इसके अनुसार दो ओवर पीछे थी। जिसके कारण इंग्लैंड के खिलाफ कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 के सेमीफाइनल में भारतीय महिला क्रिकेट टीम को पेनल्टी का समाना करना पड़ा। जिसके तहत फील्डिंग के दौरान महत्वपूर्ण आखिरी ओवर में इस वजह से टीम इंडिया के लिए सिर्फ तीन ही खिलाड़ी बाउंड्री लाइन पर हो सकते थे।
पेनल्टी के बाद भी खिलाड़ियों ने जीता मैच
स्लो ओवर के तहत जारी की गई पेनल्टी के बाद भी भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने जीत हासिल की ओर फाइनल में प्रवेश किया। मैच के आखिरी ओवर में 13 रन का बचाव टीम इंडिया कर रही थी। लेकिन टीम के तीन खिलाड़ी बाउंड्री लाइन पर थे, क्योंकि दो ओवर स्लो होने की कारण दो और खिलाड़ी 25 गज के दायरे के बाहर नहीं हो सकते थे। भारतीय महिला टीम को इसके साथ ही 13 रन जीत के लिए बचाने थे। जब टीम के तीन ही खिलाड़ी बाहर हों तब अधिक चांस रहते हैं कि मैच आपके हाथ से फिसल सकता है, क्योंकि बल्लेबाज किसी भी दिशा को टारगेट कर सकता है।
लेकिन इस कॉमनवेलथ गेम्स 2022 के इस पहले सेमीफाइनल में भारतीय टीम के लिए ये गनीमत रही कि जो गेंद हवा में उछली वो 25 गज के दायरे में रही, जोकि कैच में तब्दील हुई। साथ ही आखिरी गेंद पर को छक्का जोकि कैच हो सकता है, रन की तरकार उस समय ज्यादा थी। इस अंतिम गेंद को भी फील्डर कैच में तब्दील कर सकता था, अगर वहां खिलाड़ी मौजूद होती। याद दिला दे, आईसीसी ने पिछले साल ही कुछ नए नियम लागू किए थे। ये नियम भी उन्हीं नियम में से एक था। जोकि इंटरनेशनल क्रिकेट में जारी है और टीमों को इससे फायदा भी मिलता है।
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