धोनी और कोहली की मिलीभगत ने बर्बाद किया इस स्टार खिलाड़ी का करियर, धोनी से भी बड़ा था मैच फिनिशर


भारतीय क्रिकेट टीम (INDIAN CRICKET TEAM) में महेंद्र सिंह धोनी (MAHENDRA SINGH DHONI) के बाद विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत (RISHABH PANT) से फिनिशर खिलाड़ी होने की उम्मीद की जा रही थी। लेकिन इस समय सभी जुबां पर सिर्फ एक ही नाम है। लेकिन हाल ही में पूर्व भारतीय क्रिकेटर सबा करीम (Saba Karim) ने इशारों-इशारों में कहा है कि विराट कोहली (VIRAT KOHLI) और महेंद्र सिंह धोनी (MAHENDRA SINGH DHONI) की मिलीभगत के कारण वर्तमान के इस महान खिलाड़ी का करियर तबाह हो गया। जानिए क्या है पूरी बात…

विराट कोहली की कप्तानी जाते ही तीन साल बाद मिली टीम में जगह

भारतीय क्रिकेट टीम के बल्लेबाज दिनेश कार्तिक ( Dinesh Kartik) में आईपीएल में अच्छे प्रदर्शन के बाद तीन साल के बाद टीम इंडिया में टी20 फॉर्मेट में वापसी की। उनकी वापसी इतनी धमाकेदार हुई कि टीम इंडिया के फैंस की जुबान पर फिनिशर नाम दिनेश कार्तिक के आगे जुड़ गया।

37 वर्षीय दिनेश कार्तिक का टी-20 वर्ल्ड कपए जाने का सपना भी पूरा माना का रहा है, लेकिन खिलाड़ी लंबे वक्त के लिए टीम इंडिया से बाहर था, जिसके लिए पूर्व खिलाड़ी सबा करीम (Saba Karim) का मानना है कि विराट कोहली और महेंद्र सिंह धोनी की मिलीभगत के कारण वर्तमान के इस महान खिलाड़ी का कैरियर तबाह हो गया।

DK के करियर को खराब करने के जिम्मेदार धोनी और कोहली

दिनेश कार्तिक ने 2004 में पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज महेंद्र सिंह धोनी से पहले डेब्यू किया था। लेकिन उनकी जगह पक्की नही हो सकी। उन्हें टीम से काफी वक्त के लिए बाहर किया गया। जिसके लिए पूर्व कप्तान आलोचनाओं में भी रहे। अब पूर्व भारतीय क्रिकेटर सबा करीम ने कहा है कि

“जब दिनेश कार्तिक कुछ साल पहले उपरी क्रम में बल्लेबाजी करते थे, तो हम सभी सोच रहे थे कि वो क्षमता के बावजूद प्रदर्शन क्यों नहीं कर पा रहे थे। वो तब असफल हो रहे थे क्योंकि उनकी भूमिका के बारे में कोई स्पष्टता (Clarity) नहीं थी”।

प्रबंधन ने सौंपी अलग-अलग भूमिका

दिनेश कार्तिक पर बात करते हुए सबा करीम ने कहा “उसे पता नहीं था कि उसे कब बड़े शॉट खेलने हैं, या कब उसे सिंगल लेना है। लेकिन अब उसकी भूमिका काफी स्पष्ट है और इसीलिए उसके प्रदर्शन में काफी सुधार हुआ है। प्रबंधन ने उन्हें ये अलग भूमिका सौंपी है और वो लगातार उन्हें ऐसी स्थितियों में भेज रहे हैं। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वो किस स्थिति में बल्लेबाजी कर रहे हैं, उनका काम केवल तीन या चार ओवर खेलना है। उन्होंने अपनी तैयारी उसी के अनुसार की है। इसीलिए वो सफल रहा है”।

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