भारत और पाकिस्तान का सांसे रोक देने वाला वो मैच जिसने चेतन शर्मा का क्रिकेट करियर हमेशा के लिए ही खत्म कर दिया


भारत और पाकिस्तान के बीच में वैसे भी सभी मैच काफी रोमांचक होते हुए नजर आते हैं. स्पोर्ट्स गलियारा आने वाले दिनों में क्रिकेट इतिहास की रोमांचक मैचों की किस्से सामने लेकर आने वाला है. इसी सीरीज में आज हम बात कर रहे हैं भारत और पाकिस्तान के बीच 1986 में हुए एक मैच की जिस मैच में भारत के गेंदबाज चेतन शर्मा का करियर हमेशा के लिए ही खत्म कर दिया। इंडियन क्रिकेट टीम का यह गेंदबाज आज भी इस मैच को याद नहीं करना चाहता है. चेतन शर्मा इस मैच में केवल और केवल अपने ओवर की एक आखिरी गेंद के लिए जाने जाते हैं जिस गेम के ऊपर पाकिस्तान के बल्लेबाज जावेद मियांदाद ने छक्का लगा दिया था. लेकिन आपको बता दें कि चेतन शर्मा इस मैच के अंदर भारत के इकलौते सफल गेंदबाज रहे थे और यही कारण था कि कप्तान कपिल देव ने आखिरी ओवर चेतन शर्मा के हाथों में दे दिया था. ओवर की आखिरी गेंद पर मैच का आखिरी ओवर था जिसके ऊपर पाकिस्तान को जीतने के लिए 4 रनों की आवश्यकता थी बल्लेबाज के रूप में जावेद मियांदाद खेल रहे थे और भारत के तेज गेंदबाज चेतन शर्मा गेंदबाजी करा रहे थे उम्मीद नहीं थी कि चेतन शर्मा जो इस मैच के इकलौते सफल तेज गेंदबाज थे उनकी आखिरी गेंद पर जावेद मियांदाद बाउंड्री लगा पाएंगे लेकिन जावेद मियांदाद ने आखिरी गेंद पर छक्का मार दिया और पाकिस्तान 1986 का शारजहां कब जीत गया.

1986 Austral-Asia Cup Final | 1986 ऑस्ट्रल-एशिया कप फाइनल- बात जरा विस्तार से

साल 1986 में ऑस्ट्रल-एशिया कप फाइनल मैच खेला गया था. 18 अप्रैल को यह मैच हुआ था. 1986 आस्ट्रल-एशिया कप फाइनल स्कोरबोर्ड (1986 Austral-Asia Cup Final Scorecard) की बात करें तो टीम इंडिया ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 50 ओवरों में पाकिस्तान के सामने 245 रन बनाए थे. पाकिस्तान को जीतने के लिए 246 रनों की दरकार थी. टीम इंडिया के ओपनिंग बल्लेबाज श्रीकांत और सुनील गावस्कर ने काफी अच्छी बल्लेबाजी की थी. इस मैच में श्रीकांत ने 75 तो वहीं सुनील गावस्कर ने 92 रनों की पारी खेली। इसके अलावा दिलीप वेंगसकर भी अर्धशतक बनाने में कामयाब रहे थे. टीम इंडिया के निचले बल्लेबाजों ने बहुत अधिक रन नहीं बना पाए, यही कारण है कि टीम इंडिया का स्कोर जो कि 280 तक हो सकता था, वह 245 पर रुक गया. मोहम्मद अजहरुद्दीन, मदनलाल और मनिंदर सिंह इस मैच में बल्लेबाजी नहीं कर पाए.

पाकिस्तान क्रिकेट टीम की गेंदबाजी

पाकिस्तान क्रिकेट टीम की गेंदबाजी पर नजर डालें तो इस मैच में इमरान खान ने 10 ओवर में 40 रन देकर दो विकेट लिए थे, वही वसीम अकरम ने 10 ओवरों में 42 रन देकर तीन विकेट लिए. इस मैच में पाकिस्तान के कप्तान इमरान खान ने आखिरी ओवरों में जिस तरीके से गेंदबाजी बदली थी वह इस मैच का निर्णायक पल बोला जा सकता है. पाकिस्तान की गेंदबाजों ने आखिरी ओवरों में टीम इंडिया के बल्लेबाजों को रन नहीं बनाने दिए. टीम इंडिया का पहला विकेट 117 पर गिरा था तो दूसरा विकेट 216 पर गिरा। दिलीप वेंगसकर 216 पर आउट हुए थे, तीसरा विकेट कीर्ति आजाद के रूप में 216 पर ही गिर गया, चौथा विकेट कपिल देव के रूप में 229 पर गिरा, चेतन शर्मा जब आउट हुए तो टीम इंडिया का स्कोर 242 था. रवि शास्त्री जो इस समय टीम इंडिया के हेड कोच है वह भी जल्दी आउट हो गए और उनको वसीम अकरम ने बोल्ड किया यह विकेट जब गिरा था तब टीम इंडिया का स्कोर 245 था.इसके बाद तुरंत ही 245 पर ही सुनील गावस्कर भी इमरान खान की गेंद पर बोल्ड हो गए थे.

1986 ऑस्ट्रल-एशिया कप फाइनल स्कोर बोर्ड | Sharjah cup final 1986

पाकिस्तान क्रिकेट टीम की शुरुआत काफी अच्छी नहीं रही. पाकिस्तान का पहला विकेट मुदस्सर नजर के रूप में केवल 9 रन पर ही आउट हो गया था. रमीज राजा जब आउट हुए तो पाकिस्तान का स्कोर 39 रन था. पाकिस्तान का तीसरा विकेट 61 रनों पर गिरा तब मोहसिन खान आउट हुए. इसके बाद एक छोटी सी साझेदारी बनी और पाकिस्तान का चौथा विकेट 110 रन पर गिरा। इस मैच की कहानी कुछ उल्टी रही थी. टीम इंडिया के ऊपरी क्रम के बल्लेबाजों ने रन बनाये थे तो पाकिस्तान के ऊपरी क्रम के बल्लेबाजों ने पाकिस्तान क्रिकेट टीम को बुरी तरीके से निराश कर दिया था.

भारत के निचले क्रम के बल्लेबाजों ने खराब प्रदर्शन किया तो पाकिस्तान के निचले क्रम के बल्लेबाजों ने यह मैच भारत के हाथों से छीन लिया। जावेद मियांदाद इकलौते ऐसे खिलाड़ी रहे हैं जिसने कि अपने दम पर पाकिस्तान को यह मैच जीताया। 114 गेंदों पर जावेद मियांदाद ने 116 रनों की शतकीय पारी खेली, जिसमें कि उन्होंने 3 चौके और 3 छक्के लगाए और आखिरी छक्का जावेद मियांदाद ने चेतन शर्मा के ओवर में आखरी गेंद पर लगाया था.

आखरी ओवर का रोमांच | Chetan Sharma vs Javed Miandad

आखिर ओवर चेतन शर्मा को दिया गया था क्योंकि चेतन शर्मा इस मैच के इंडियन क्रिकेट टीम की तरफ से सबसे सफल गेंदबाज रहे. कपिल देव का यह फैसला सही भी था. चेतन शर्मा ने 9 ओवर इस मैच में फेंके जहां पर इन्होंने 51 रन देकर तीन विकेट हासिल किए थे. कपिल देव के सामने कोई बहुत अधिक विकल्प मौजूद नहीं थे. खुद कपिल देव के 10 ओवर पूरे हो चुके थे. मदनलाल अपने 10 ओवर पूरे कर चुके थे और मनिंदर सिंह भी 10 ओवर फेंक चुके थे. अब कपिल देव के सामने तीन विकल्प मौजूद थे या तो वह मोहम्मद अजहरुद्दीन से गेंदबाजी करें जो कि उस समय नए खिलाड़ी थे या फिर रवि शास्त्री को गेंद देते। रवि शास्त्री ने इस मैच में 9 ओवर में 38 रन दिए थे और उन्होंने कोई भी विकेट नहीं लिया था.

चेतन शर्मा को गेंद दी जाती है, 5 गेंद पर पाकिस्तान को जीत के लिए 10 रन चाहिए थे. पांचवी गेंद पर जावेद मियांदाद एक चौका लगा देते हैं. 4 गेंदों पर जीत के लिए 6 रन चाहिए थे. चौथी गेंद पर 1 रन आ जाता है और अब 3 गेंदों पर 5 रन चाहिए थे. तीसरी गेंद पर भारत को 1 विकेट मिल जाता है. भारतीय क्रिकेट टीम एक बार फिर से उम्मीद जग जाती हैं और ऐसा लगने लगा था कि यह मैच भारतीय टीम जीत चुकी है. मैच की पांचवी गेंद पर 1 रन मिल जाता है और जावेद मियांदाद स्ट्राइक पर आ जाते हैं. रन आउट का एक मौका यहाँ भी था लेकिन भारत यह मौका गंवा देता है. पाकिस्तान को आखिरी गेंद पर 4 रन चाहिए थे और जावेद मियांदाद आखिरी गेंद पर छक्का लगा देते हैं. चेतन शर्मा के हाथों से फूल टॉस गेंद निकल जाती है और जैसे ही जावेद मियांदाद बॉल को मारते हैं वह समझ जाते हैं कि यह गेंद छक्के के लिए निकल चुकी है और पाकिस्तान एशिया कप 1986 का फाइनल जीत जाता है.

चेतन शर्मा इस मैच से काफी परेशान हुए और निराश हो गए थे. आज भी अगर चेतन शर्मा से इस मैच के बारे में कोई बातचीत करना चाहता है तो वह मना कर देते हैं. यहां तक बोला जाता है कि चेतन शर्मा इसके बाद सही लाइन और लेंथ पर गेंदबाजी करना भूल गए और उनका क्रिकेट करियर खत्म हो गया.

चेतन शर्मा के शब्दों में

चेतन शर्मा ने एक बार एक इंटरव्यू में यह मैच का जिक्र किया है जिसमें उन्होंने कहा है कि टीम इंडिया के कप्तान कपिल देव को मेरे ऊपर काफी भरोसा था. कपिल देव ने मुझे गेंदबाजी के लिए बुलाया और अपना सबसे अच्छा प्रदर्शन करने के लिए बोला. चेतन शर्मा बताते हैं कि आखिरी 10 ओवरों में  जावेद मियांदाद कमाल की बल्लेबाजी कर रहे थे जिस तरीके से वह गेंदों को मार रहे थे शायद यह उनके करियर की सबसे अच्छी पारी लग रही थी. 

एस श्रीकांत के शब्दों में

श्रीकांत बताते हैं कि जावेद मियांदाद इस मैच में काफी अधिक कॉन्फिडेंट में नजर आ रहे थे.  जो भी बल्लेबाज बल्लेबाजी के लिए आ रहा था उसको जावेद मियांदाद यही बोल रहे थे कि हम यह मैच जीत सकते हैं और हम यह मैच जीत रहे हैं.

मनिंदर सिंह

मनिंदर सिंह के अनुसार जावेद मियांदाद ने आखिरी 10 ओवरों में यह मैच पूरी तरीके से अकेले अपने दम पर पलट कर रख दिया लेकिन आखिरी ओवर में एक बार पांचवीं गेंद पर  भारत को 1 रन आउट करने का मौका मिला था और अगर यह रनआउट इंडियन टीम कर देती तब इंडियन टीम इतिहास लिखती हुई नजर आ सकती थी.

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