मिडिल ऑर्डर के इन 6 भारतीय बल्लेबाजों को नहीं मिलता ओपनिंग का मौका तो हो जाते गुमनाम, पारी की शुरुआत करते ही जड़े शतक

 


साल 2019 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ Test Cricket में रोहित शर्मा द्वारा ओपनिंग करते हुए शतक जड़ा गया था। भारतीय क्रिकेट के लिए अस्थाई सलामी बल्लेबाज का इस्तेमाल करना कोई नई बात नहीं है जब 90 के दशक के दौरान टीम प्रबंधन के लिए विकल्पों की भारी कमी हुआ करती थी तब टीम द्वारा गैर नियमित सलामी बल्लेबाजों का काफी इस्तेमाल किया जाता था।

आज के इस आर्टिकल में हम आपको ऐसे ही गैर नियमित सलामी बल्लेबाजों के बारे में बताएंगे, जिन्होंने टेस्ट मैचों में पारी की शुरुआत करते हुए शतक जड़े हैं।

दीप दासगुप्ता

दीप दासगुप्ता भारत के पूर्व भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज हैं जिन्होंने भारत के लिए कुल 8 टेस्ट मैच खेले हैं, जिसमें से 7 मैचों में उनके द्वारा पारी की शुरुआत की गई थी।

इंग्लैंड के खिलाफ 3 दिसंबर 2001 को मोहाली में खेले गए टेस्ट मैच में 254 गेंदों का सामना करते हुए 15 चौकों के साथ 100 रन बनाकर उन्होंने अपना एकमात्र शतक जड़ा था।

नयन मोंगिया

नयन मोंगिया को 90 के दशक के दौरान कई बार सलामी बल्लेबाज के रूप में क्रीज पर बल्लेबाजी करने के लिए भेजा गया। 44 टेस्ट मैच खेलते हुए उन्होंने 15 मैचों में पारी की शुरुआत करी और बतौर ओपनर बल्लेबाजी करते हुए उनके द्वारा 655 रन बनाए गए, जिसमें उनकी औसत 27.29 की रही।

10 अक्टूबर 1996 को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एकमात्र टेस्ट मैच में उनके द्वारा पारी की शुरुआत करते हुए 336 गेंदों में 152 रन बनाए गए थे जिसके चलते भारतीय टीम को 7 विकेट से जीत मिली थी।

मनोज प्रभाकर

90 के दशक में टीम प्रबंधन जो कुछ मनोज प्रभाकर से चाहती थी उन्होंने वह सब कुछ किया और भारत के लिए 39 टेस्ट मैच खेलते हुए उन्होंने 23 मैचों में पारी की शुरुआत भी करी जिस दौरान उनका औसत कुल 35.48 का रहा। 10 दिसंबर 1994 को वेस्टइंडीज के खिलाफ मोहाली में उनके द्वारा एकमात्र टेस्ट शतक जड़ा गया था।

पहली बार 406 मिनट तक बल्लेबाजी करते हुए उन्होंने 120 रनों का स्कोर बनाया था पर दूसरी पारी में वह शून्य पर रिटायर्ड हर्ट हो गए जिसके चलते भारतीय टीम को 234 रनों से हार का सामना करना पड़ा था।

रवि शास्त्री

80 टेस्ट मैचों में रवि शास्त्री का औसत 35.79 का रहा है पर 17 टेस्ट मैचों में उनके द्वारा 44.04 की औसत के साथ सलामी बल्लेबाजी करी गई है। उन्होंने अपने 11 शतकों में से चार शतक बतौर सलामी बल्लेबाज लगाए हैं।

पाकिस्तान के खिलाफ कराची, इंग्लैंड के खिलाफ ओवल और लॉर्ड्स में एवं सिडनी में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ रवि शास्त्री द्वारा शतक जड़े गए हैं।

वीवीएस लक्ष्मण

बतौर मध्यक्रम बल्लेबाज अपनी जगह बनाना वीवीएस लक्ष्मण के लिए काफी मुश्किल काम था ऐसे में उनके द्वारा दूसरे कई बल्लेबाजों की तरह पारी की शुरुआत करते हुए अपनी किस्मत आजमाई गई थी। 15 टेस्ट मैचों में 28.54 की खराब औसत के साथ वीवीएस लक्ष्मण द्वारा बनाए गए 685 रन शीर्ष क्रम पर किए उनके संघर्ष को दिखाते हैं।

बतौर शीर्षक्रम बल्लेबाज उन्होंने शिडनी में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 167 रन बनाकर एकमात्र यादगार पारी खेली थी, इसके अलावा वीवीएस लक्ष्मण द्वारा बतौर सलामी बल्लेबाज कोई भी खास प्रदर्शन नहीं किया गया।

वीरेंदर सहवाग

अपने 104 टेस्ट मैचों में सहवाग द्वारा 99 पारियों कि शुरुआत की गई, जिसमें उन्होंने 50 से ऊपर की औसत के साथ रन बनाते हुए 22 शतक अपने नाम किए।

साल 2002 में पहली बार सहवाग द्वारा इंग्लैंड के खिलाफ ओपनिंग कराई गई थी और फिर लॉर्ड्स टेस्ट में 84 रनों की पारी खेलने के बाद उन्होंने नॉटिंघम टेस्ट में लाजवाब शतक जड़ा था।

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