भारतीय टीम के बाएं हाथ के सलामी बल्लेबाज Shikhar Dhawan काफी समय से टेस्ट और टी20 टीम से बाहर चल रहे हैं। लेकिन उनके लिए यह कोई परेशानी की बात नही है। Shikhar Dhawan का मानना है कि केवल टीम के लिए वनडे प्रारूप में खेलना उनके लिए चिंता का विषय नहीं है।
भारत के लिए टेस्ट या टी20 क्रिकेट खेलने की बात आती है तो ये बाएं हाथ का बल्लेबाज काफी समय से भारतीय चयनकर्ताओं की योजना में नहीं हैं। आखरी बार धवन भारत के लिए वेस्टइंडीज दौरे पर वनडे टीम में खेले थे जहा उन्होंने टीम की कमान सम्हाली थी।
टीम के लिए नही बनना चाहता भोज: धवन
शिखर धवन को 27 अगस्त से शुरू हो रहे एशिया कप की टीम में भी नहीं चुना गया है, जिसके बाद पहली बार उन्होंने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा,
“मैं जब तक भारत के लिए खेलूंगा, टीम के लिए उपयोगी रहूंगा। मैं टीम पर बोझ बनाना पसंद नहीं करूंगा। मैं शांत और परिपक्व व्यक्ति हूं। यह प्रदर्शन मेरे अनुभव को दर्शाता है। खेल को लेकर मेरी समझ काफी मजबूत है और मैंने अपनी तकनीक में सुधार के लिए काफी मेहनत की है। एक प्रारूप को समझना भी बहुत महत्वपूर्ण है। मैं वनडे फॉर्मेट की जरूरतों को समझता हूं और इससे मुझे बहुत मदद मिली है।”
सिर्फ एक फॉर्मेट खेल पाने पर शिखर धवन ने अपने बयान में कहा,
“मुझे इस बात को लेकर कभी निराशा नहीं हुई। मैं इन चीजों के बारे में सोचना पसंद नहीं करता हूं कि मैं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सिर्फ एक प्रारूप में खेल रहा हूं। मैं इसे इस तरह से देखता हूं कि मुझे दो या तीन महीने में खेलने का मौका मिलता है और इससे मुझे तरोताजा रहने में मदद मिलती है। मुझे जो मिलता है, मैं उसी में खुश रहता हूं। भारत के लिए अगर मैं एक प्रारूप में खेल रहा हूं तो मेरी कोशिश यह होती है कि मैं अपना सब कुछ उसी प्रारूप में दूं। मैं सकारात्मक सोच वाला इंसान हूं। आपको मेरे अंदर कोई नकारात्मकता नहीं मिलेगी।”
बढ़ती उम्र के साथ हुए और भी फिट
शिखर धवन का मानना है कि उनकी उम्र बढ़ रही है लेकिन बढ़ती उम्र के साथ फिटनेस में वह और भी बेहतर हुए हैं। उन्होंने कहा,
“मैं 36 साल का हूं और पहले से काफी अधिक फिट हूं। मेरा कौशल भी अच्छा हुआ है। मैंने जिम, योग, दौड़ के साथ शारीरिक कसरत कर खुद को बेहतर बनाया है।”
धवन ने अपनी कप्तानी के बारे में बात करते हुए कहा,
“कप्तान के तौर पर मैं अपने गेंदबाजों पर विश्वास करता हूं और पहले उनकी योजनाओं को ही अपनाता हूं। शीर्ष स्तर पर हर कोई पेशेवर होता है और सब को अपनी जिम्मेदारी का अंदाजा होता है। अगर गेंदबाजों की योजना काम नहीं करती तो जाहिर है हमारे पास दूसरी योजना होती है।”
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