जय-वीरू की तरह थी इन भारतीय क्रिकेटर की दोस्ती, अपने ही दोस्त की बीवी पर डाली बुरी नजर तो खत्म हुआ याराना

भारतीय क्रिकेट टीम में खिलाड़ियों के दोस्ती के किस्से भी काफी मशहूर हैं। कई अब कुछ खिलाड़ियों के दोस्त होने की चर्चा काफी तेजी से उठी। लेकिन आज हम आपको यहां कुछ इसे खिलाड़ियों के विषय में बताने जा रहे हैं जो मैदान से बाहर एक दूसरे ने काफी निजी मसलों में उलझ गए जिसके बाद से खिलाड़ियों के दोस्ती के किस्से बदल गए।

मुरली विजय-दिनेश कार्तिक

भारतीय क्रिकेट के दो खिलाड़ी दिनेश कार्तिक और मुरली अच्छे टीममेट और दोस्त में गिने जाते थे। लेकिन मुरली कार्तिक को दिनेश कार्तिक की पत्नी से प्यार हो गया और इसके बाद दिनेश कार्तिक ने अपनी पत्नी को तलाक दिया और फिर मुरली कार्तिक ने उनसे शादी कर ली। दिनेश कार्तिक की जिंदगी में इसके बाद काफी बुरा वक्त आया, जिसके बाद दोनों खिलाड़ियों के बीच दोस्ती बाकी नहीं रही।

राहुल द्रविड़-सौरव गांगुली

भारतीय क्रिकेट टीम के वर्तमान मुख्य कोच राहुल द्रविड़ और बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली के बीच दोस्ती एक समय पर काफी थी। लेकिन सौरव गांगुली को लगाता था कि राहुल द्रविड़ कप्तान है लेकिन वह ग्रेग चैपल के मामले में कुछ भी नहीं बोलते है। जिसके बाद 2011 में जब सौरव गांगुली ने ऐसा बयान दिया जिससे इनकी दोस्ती में दरार पड़ गई। सौरव गांगुली ने कहा था- राहुल द्रविड़ ऐसे व्यक्ति है जो यह चाहते हैं कि हर चीज ठीक से चलती रहे। उन्हें पता था कि कई चीजें गलत हो रही है। लेकिन उनमें चैपल से कुछ भी कहने की हिम्मत नहीं थी कि वह गलत कर रहे हैं।

नवजोत सिंह सिद्धू-मोहम्मद अजहरुद्दीन

भारतीय क्रिकेट टीम के दो दिग्गज खिलाड़ी नवजोत सिंह सिद्धू और मोहम्मद अजहरुद्दीन उनके कैरियर के दौरान काफी अच्छे दोस्त माने जाते थे। लेकिन फिर 1996 में दोनों खिलाड़ियों के बीच अनबन की खबर आई। सिद्धू इंग्लैंड में खेली जा सीरीज थी को छोड़कर अचानक वापस भारत लौट आए। उन्होंने टीम के कप्तान पर अजहरुद्दीन पर दुर्व्यवहार करने का गंभीर आरोप लगाया था। जिसके बाद दोनों खिलाड़ियों के बीच दोस्ती का कोई भी ख्याल बाकी नहीं रहा।

सौरव गांगुली-रवि शास्त्री

बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली और पूर्व भारतीय कोच रवि शास्त्री के बीच की अनबन हाल फिलहाल की है। 2016 में बीसीसीआई ने भारतीय टीम के मुख्य कोच के चयन के लिए एक समिति का गठित की। जिसमें वीवीएस लक्ष्मण, सचिन तेंदुलकर और सौरव गांगुली शामिल थे। चयन समिति ने अनिल कुंबले को टीम का कोच बनाया।

इस पद के लिए रवि शास्त्री ने इंटरव्यू भी हुआ लेकिन उसमें सौरव गांगुली शामिल नहीं हुए थे। इस पर रवि शास्त्री ने सौरव गांगुली के विषय में कहा कि उन्होंने ना आकर मेरा अपमान किया है। इस पर गांगुली ने उनको तीखा जवाब दिया था और कहा था अगर मैं वहां नहीं था तो वह भी मौजूद नहीं थे। उनको बैंकॉक में छुट्टियां मनाने की वजह इंटरव्यू के लिए भारत में होना चाहिए था।

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