गौतम गंभीर के पांच अहम फैसले जो IPL में साबित हुए मास्टर स्ट्रोक, किसी को ऑलराउंडर बनाया तो किसी को ओपनर

भारतीय क्रिकेटर गौतम गंभीर का भारतीय क्रिकेट में एक बहुत बड़ा योगदान है। इसी के साथ ही उन्होंने अपनी आईपीएल टीम कोलकाता नाइट राइडर्स के लिए कई बड़े और अहम फैसले एक कैप्टन के तौर कर लिए हैं। गौतम गंभीर ने केकेआर को दो बार खिताब जिताया है। जिसमें उनके कड़े निर्णय शामिल हैं। कई निर्णय में आज हम आपको पांच ऐसे फैसलों के बारे में बता रहें हैं जोकि आज मास्टर स्ट्रोक साबित होते हैं। जानिए कोलकाता नाइट राइडर्स के लिए कैसे साबित हुए ये फैसले वरदान

सुनील नारायण को ओपनर बनाना

कोलकाता नाइट राइडर्स के लिए सुनील नारायण एक अहम और मैच विनर खिलाड़ी है। इंडियन प्रीमियर लीग में उन्हे सलामी बल्लेबाजी  गंभीर ने ही कराई थी। सुनील नारायण में आईपीएल में कोलकाता नाइट राइडर्स के लिए खेलते हुआ काफी कमाल का प्रदर्शन किया। जिसके बाद इस हाथ लगे मैच विनर खिलाड़ी को गौतम गंभीर ने अलग अलग तरह के रोल दिए और सलामी बल्लेबाज के तौर पर अच्छा प्रदर्शन किया। साथ ही गेंदबाजी से ही रन गति को रोका। गौतम गंभीर का इस खिलाड़ी पर किया गया एक प्रयोग खिलाड़ी और टीम दोनों के लिए एक मास्टर स्ट्रोक साबित हुआ।

गौतम गंभीर के फैसले के बाद खड़ी हुई नई टीम

गौतम गंभीर ने 2014 के आईपीएल सीजन में एक काफी बड़ा प्लान बनाया था। केकेआर ने इस साल सिर्फ  गंभीर बार सुनील नारायण को ही रिटेन किया। जिसके बाद कप्तान गौतम गंभीर ने कोच के साथ मिलकर एक नई केकेआर टीम बना ली। उन्होंने ऑक्शन में यूसुफ पठान, शाकिब अल हसन और मनविंदर बिस्ला को वापस टीम जगह दी। साथ ही बड़े मैच विनर खिलाड़ी में मनीष पांडे, रॉबिन उथप्पा, पीयूष चावला और क्रिस लिन को टीम में जगह दी।

जैक्स कैलिस और शाकिब अल हसन को टीम जगह

गंभीर जब कोलकाता नाइट राइडर्स बीके कप्तान बने तब उन्होंने शाकिब अल हसन और जैक्स कैलिस को टीम में शामिल करने का फैसला किया। दोनों खिलाड़ियों ने टीम के लिए काफी अच्छा प्रदर्शन किया और टीम के लिए बेहद खास खिलाड़ी बनकर सामने आए। = गंभीर द्वारा किया गया ये फैसला टीम के लिए एक मास्टर स्ट्रोक है।

ऑल राउंडर आंद्रे रसेल का सही इस्तेमाल

वेस्टइंडीज के खिलाड़ी आंद्रे रसल को गौतम गंभीर कप्तान के तौर पर साथ देकर एक मैच विनर और अहम खिलाड़ी बनाया।  गंभीर ने खिलाड़ी की क्षमता को देखते हुए बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों में ही अच्छा प्रदर्शन किया। गौतम गंभीर के कई फैसलों में ये मास्टर स्ट्रोक साबित हुआ।

आईपीएल 2012 फाइनल और मनविंदर बिस्ला की एंट्री

कोलकाता नाइट राइडर्स की पहली बार आईपीएल 2012 में फाइनल में कदम रखा था। इस मैच में ब्रेंडन मैकुलम की जगह मनविंदर बिस्ला को टीम में सौप बल्लेबाजी के लिए उतारा था। जोकि सभी को अचंभित करने वाला फैसला था। लेकिन कप्तान गौतम गंभीर के इस खिलाड़ी मनविंदर बिस्ला की 48 गेंदों में 89 रन की पारी खेलकर ओम कप्तान के फैसले को निराश नहीं किया है। जिसके बाद 2012 में इस मैच में जीत के बाद गौतम गंभीर ने पहली ट्रॉफी जीतने के साथ इस फैसले को सुनहरे फैसलों की लिस्ट में शामिल कर लिया।

 

 

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