“मुझसे बेहतर कौन समझ सकता है टीम से बाहर होने का दर्द” दिनेश कार्तिक ने राहुल द्रविड़ को समर्पित किया अपना पहला अर्द्धशतक

 

इंडिया अफ्रीका के बीच खेली जा रही सीरीज(IND vs SA) में इंडिया ने चौथे टी20 मुकाबले में एक 82 रनों से एक बड़ी जीत हासिल कर सीरीज को 2-2- से बराबर कर लिया है. चौथे मैच में दिनेश कर्तिक(DINESH KARTHIK) ‘मैन ऑफ द मैच’ रहे. पहले बल्लेबाज़ी के लिए उतरी टीम इंडिया की शुरुआत काफी खराब हुई. इंडिया ने 40 रनों पर ही 3 विकेट गंवा दिए थे. इसके बाद 81 रन पर चौथा विकेट पंत(RISHAB PANT) के रूप में गिरा. इसके बाद क्रीज पर आए दिनेश कार्तिक(DINESH KARTHIK) जिन्होंने वो किया, जिसकी किसी ने उम्मीद भी नहीं की थी.

कार्तिक ने टीम के लिए जिताऊ पारी

कार्तिक ने 27 गेंदों में 2 छक्के और 9 चौकों की मदद से 55 रनों की ताबड़तोड़ पारी खेली. इस पारी में कार्तिक का साथ हार्दिक पांड्या (HARDIK PANDYA) ने दिया, उन्होंने 31 गेंदों में 3 छक्के और 3 चौकों की मदद से 46 रनों का पारी खेली. हालांकि, हार्दिक अपने शकत से चूक गए लेकिन हम सबका दिल जीतने में उन्होंने कोई चूक नहीं की. मैच के बाद दिनेश कार्तिक ने कुछ बातचीत की, जिसमें उन्होंने टीम से बाहर होने को लेकर बताया.

कार्तिक का छलका दर्द

कार्तिक ने बात करते हुए कहा, ‘मैं इस बात को लेकर हद से ज़्यादा प्रतिबद्ध था कि मुझे तो विश्व कप में खेलना है. यह मेरे लिए बहुत ही महत्वपूर्ण हैं क्योंकि मैं यहां पर काफी समय से हूं और मुझे इस बात का अच्छे से एहसास है कि बाहर जाने पर ऐसा महसूस होता है. मुझे भी ये बात अच्छे से पता है कि भारत के लिए खेलना कितना महत्व रखता है.’

उन्होंने आगे कहा, ‘इसी वजह से मैं कुछ खास करना चाहता था और भाग्य से आरसीबी ने मुझे वो मंच दिया वो एक भूमिका जिसे निभाने में मुझे सबसे ज़्यादा मज़ा आता है. मैंने इसके लिए अभ्यास किया, इस पर काफी काम किया और तय किया यह बिल्कुल से हो. और हां जो प्यार और स्नेह सभी की तरफ से मुझे मिला जिन्होंने मुझे यहां तक आते हुए देखा, कप्तान से लेकर कोच तक खासकर चयनकर्ता जिन्होंने आगे बढ़कर मुझे ये मौका दिया है.’

अपनी बातचीत को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा, ‘अब जबकि मैं इस तरह पर हूं तो मैं वो खिलाड़ी बनना चहाता हूं जो मुश्किल हालात में जाकर भारतीय टीम के लिए मैच को जीतकर वापस लौटे. मैं इस तरह की स्थिति में ही जाना चहाता हूं, जब कभी मैं ऐसी स्थिति में जाऊं क्योंकि मैंने बाहर से बैठकर टीम को देखा है. मैं अच्छे से जानता हूं कि इस टीम का हिस्सा होना कितना मुश्किल है. जिस तरह की प्रतियोगिता इस जगह पर है. और ड्रेसिंग रूम के अंदर जैसा टैलेंट मौजूद है, वो बहुत ही गज़ब है.’

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